आपदा छोड़ गया विनाश लीला का निशान

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चक्रवाती तूफान निवार ने तमिलाडु और पुडुचेरी में भारी तबाही मचाई है। इस तूफान की वजह से जहां तेज हवाएं चलीं, वहीं भारी बारिश होने से भी तबाही मच गई। इस वजह से जहां तीन लोगों की मौत हो गई, 100 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा, वहीं करीब ढाई लाख लोगों को राहत कैंप में पहुंचाया गया। इसके साथ ही करीब 400 पेड़ भी उखड़ गए।

कमजोर पड़ गया निवार तूफान
चक्रवाती तूफान निवार 25 नवंबर की रात 11 बजे से 26 नवंबर के तड़के ढाई बजे के बीच पुडुचेरी के समुद्र तट से टकराया। उसके बाद कमजोर होकर भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया। तूफान की वजह कई क्षेत्रों में भारी बारिश हुई। तटीय इलाकों में से एक लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया और एहतियाती तौर पर बिजली काट दी गई।

सीएम ने लिया जायजा
पुडुचेरी के सीएम वी, नारायणस्वामी ने जलभराव क्षेत्रों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने ऐसी भारी बारिश कभी नहीं देखी है।

बचाव और राहत कार्य जारी
चक्रवाती तूफान निवार के चलते तमिलनाडु, पुडुचेरी में एनडीआरएफ को मुस्तैद कर दिया गया था और उसने अपना बचाव व राहत कार्य शुरू कर दिया।

गतिविधियों पर भारतीय नौसेना की कड़ी नजर
तमिलनाडु में स्वास्थ्य विभाग ने तटीय इलाकों में हाई एलर्ट रखा था। तूफान से जुड़ी हर गतिविधियों पर भारतीय नौसेना ने कड़ी नजर रखी थी। नेवी लगातार तमिलनाडु और पुडुचेरी सरकार के संपर्क में थी।

निवार के संकट के चलते धारा 144 लागू
दक्षिण तमिलनाडु और पुडुचेरी के तट पर निवार के संकट के चलते धारा 144 लगाई गई थी। इस दौरान सभी दुकान, प्रतिष्ठानों को बंद रखने का आदेश जारी किया गया था। सिर्फ मिल्क स्टेशन, पेट्रोल पंप और फार्मेंसी को ही खुला रखने की अनुमति दी गई थी।

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