पैसों के लालच में बना डाले अवैध 40 मंजिला टॉवर्स, अब सर्वोच्च न्यायालय ने दे दिया ऐसा आदेश!

पैसे कमाने के लिए भवननिर्माताओं द्वारा अवैध निर्माण करने के मामले अक्सर प्रकाश में आते रहते हैं। इसी तरह का एक और मामला प्रकाश में आया है।

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सर्वोच्च न्यायालय ने नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) को निर्देश दिया है कि वह सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट में बने 40 मंजिला दो अवैध टावरों को गिराने का काम दो हफ्ते में शुरू करे। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि नोएडा अथॉरिटी 72 घंटे में इस मसले पर बैठक बुलाए।

फ्लैटधारकों के पैसे लौटाने का आदेश
न्यायालय ने 4 फरवरी को कहा था कि नोएडा के सुपरटेक के फ्लैट खरीदारों के फैसले 28 फरवरी तक लौटाए जाएं। न्यायालय ने आदेश दिया था कि एमिकस क्यूरी की ओर से की गई गणना के मुताबिक पैसे लौटाए जाएं। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि जिन फ्लैट खरीददार का होम लोन का बकाया है, उसका भुगतान 10 अप्रैल तक सुपरटेक करे। इसके साथ ही न्यायालय ने कहा था कि जिन फ्लैट खरीदार ने सुपरटेक के साथ समझौता कर लिया है, उस स्थिति में समझौते की शर्तें दोनों पक्षों को माननी होगी। 17 जनवरी को कोर्ट ने सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट के 40 मंजिला ट्विन टावर को गिराने का जिम्मा मुंबई की एडिफिस इंजीनियरिंग को देने का आदेश दिया था।

फ्लैटधारकों ने दर्ज कराया है मामला
फ्लैट खरीदारों ने सुपरटेक के खिलाफ न्यायालय की अवमानना का केस दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि सुपरटेक ने न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं किया। याचिका में कहा गया है कि सुपरटेक ने फ्लैट खरीदारों को पैसे वापस देने के लिए बुलाया। जब वे पैसे लेने सुपरटेक के दफ्तर गए तो उनसे कहा गया कि उन्हें कुछ कटौती कर किश्तों में पैसे दिए जाएंगे।

उच्च न्यायालय के फैसले को रखा बरकरार
सर्वोच्च न्यायालय ने 31 अगस्त, 2021 को नोएडा के सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट में 40 मंजिल के दो अवैध टावरों को गिराने का आदेश दिया था। न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का आदेश बरकरार रखते हुए ये आदेश दिया था। न्यायालय ने कहा था कि तीन महीने में निर्माण हटाया जाए। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दोनों टावरों को अवैध घोषित कर गिराने के आदेश दिए थे।

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