अब खेती के लिए भी किया जाएगा ड्रोन का इस्तेमाल, होंगे कई लाभ!

भविष्य में ड्रोन का इस्तेमाल खेती काम में भी किया जा सकेगा। फिलहाल इसका प्रयोग किया जा रहा है।

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ड्रोन से तरल नैनो यूरिया के छिड़काव का शोध कार्य 8 फरवरी को उत्तर प्रदेश के मिरजापुर जिले के जमालपुर क्षेत्र के भदावल गांव में प्रगतिशील किसान रमेश सिंह के खेत में किया गया। बीएचयू के इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर के वैज्ञानिक डाॅ. अनुपम कुमार नेमा की देखरेख में चार एकड़ गेहूं की फसल में टीम ने तीस मिनट में तरल नैनो यूरिया का छिड़काव कराया। पांच सौ एमएल नैनो यूरिया से एक एकड़ फसल में छिड़काव किया जाता है, जिसकी कीमत 240 रुपए है।

ड्रोन के माध्यम से फसलों में उर्वरक छिड़काव के प्रभाव का अध्ययन आने वाले समय में बीएचयू के वैज्ञानिकों द्वारा किया जाएगा।

देश के विभिन्न हिस्सों में किया जा रहा है इस्तेमाल
बीएचयू के वैज्ञानिक डॉ. नेमा ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में ड्रोन से तरल नैनो यूरिया के छिड़काव का कार्य चल रहा है। आज तक के अध्ययन से यह पता चला है कि इससे यूरिया की बचत के साथ उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई है। इफ्को वाराणसी के एरिया मैनेजर एके पांडेय एवं चंदौली के एरिया मैनेजर राजेश कुमार ने तरल नैनो यूरिया के छिड़काव में सहयोग किया। 7 फरवरी को भी दो एकड़ गेहूं की फसल में ड्रोन से उर्वरक का छिड़काव किया गया था। इस दौरान वीरेंद्र सिंह, रामाहार, प्रदीप पटेल, सियाराम यादव, दीपू सिंह आदि किसान मौजूद रहे।

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