जम्मू कश्मीर सरकार ने पिछले 5 सालों में 610 प्रवासी कश्मीरी पंडित परिवारों को उनकी जमीन वापस दिलाई है।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने 9 फरवरी को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि ‘जेएंडके माइग्रेंट इंप्रूवेबल प्रॉपर्टी (प्रिवेंशन, प्रोटेक्शन एंड रिस्टेंट ऑन डिस्ट्रेस सेल्स) एक्ट, 1997’ के अंतर्गत जम्मू और कश्मीर में संबंधित जिलों के जिला मजिस्ट्रेट प्रवासियों की अचल संपत्तियों के कानूनी अभिरक्षक हैं। जिला मजिस्ट्रेट को संपत्तियों की संरक्षा और सुरक्षा हेतु कदम उठाने के अधिकार प्राप्त हैं।
पुनर्वास का प्रयास जारी
राय ने बताया कि सरकार ने कश्मीरी प्रवासियों के घाटी में पुनर्वास के लिए कई प्रयास किए हैं। कश्मीरी प्रवासियों के लिए प्रधानमंत्री के विकास पैकेज-2015 के अंतर्गत 1080 करोड़ रुपए के खर्च के साथ राज्य में तीन हजार सरकारी नौकरियां सृजित की गई हैं। इसके तहत 1739 प्रवासियों की नियुक्ति की गई है और 1098 अतिरिक्त प्रवासियों का चयन किया गया है।
6000 घरों का किया गया निर्माण
इसके अलावा नियोजित कश्मीरी को आवास उपलब्ध कराने के लिए 920 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से कश्मीर घाटी में 6000 आवासों का निर्माण किया गया है। संपत्ति और सामुदायिक परिसंपत्तियों से जुड़ी शिकायतों का समाधान के लिए पोर्टल शुरू किया गया है। पिछले 5 वर्षों के दौरान 753.89 करोड रुपए की राशि जारी की गई है।