दर्द से तड़प रही महिला के लिए देवदूत बन गए बीएसएफ के जवान! ऐसे बचाई जान

बीएसएफ का मानवीय चेहरा हमेशा देखने को मिलते रहता है। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल में एक और मिसाल देखने को मिली है।

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पश्चिम बंगाल में भारत- बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने एक बीमार महिला की मदद कर मानवीयता की मिसाल पेश की है। जवानों ने नदिया जिले में दर्द से तड़प रही एक बुजुर्ग महिला को सही समय पर अस्पताल ले जाकर इलाज करवाया। बीएसएफ से जारी बयान में बताया गया कि यह घटना नदिया जिले की सीमा चौकी शिकारपुर स्थित 86वीं बटालियन क्षेत्र की है।

अधिकारियों ने बताया गांव कुटिपारा में चैताली मंडल (24) को अचानक छाती में दर्द उठा तो स्वजन महिला को लेकर सीमा चौकी शिकारपुर के कंपनी कमांडर के पास पहुंचे। सीमा चौकी शिकारपुर में नर्सिंग सहायक ने महिला को अपने स्तर पर प्राथमिक उपचार दिया। इसके बाद कंपनी कमांडर ने बिना देर किए बीमार महिला को नर्सिंग सहायक के साथ तुरंत बीएसएफ एंबुलेंस से करीमपुर अस्पताल में इलाज के लिए भेजा। उपचार के बाद अभी महिला की स्थिति सामान्य बताई जा रही है।

महिला के पति ने जताया आभार
महिला के पति अमित मंडल ने सीमा सुरक्षा बल के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि बीएसएफ जवान हमारी मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। उन्होंने धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके इलाके में बीएसएफ किसी फरिश्ते से कम नहीं है।

सीमा सुरक्षा के साथ ही मानव सेवा भी
इधर, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर बीएसएफ के जनसंपर्क अधिकारी व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि हमारे जवान अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ लोगों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हैं। किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में बीएसएफ के जवान लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।

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