कर्नाटक का हिजाब विवाद अब महाराष्ट्र में पहुंच गया है। मालेगांव, पुणे के साथ ही अन्य जगहों पर भी इसके समर्थन और विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस बारे में सरकार का स्टैंड लोगों की समझ में नहीं आ रहा है।
सरकार में शामिल शिवसेना नेता और सरकार में पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने इस बारे में अपनी राय जाहिर करते हुए शैक्षणिक संस्थानों में यूनिफॉर्म पहनने को सही बताया है, तो वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता तथा अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक इस मामले में भाजपा और संघ पर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं।
क्या कहा आदित्य ठाकरे ने?
महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने हिजाब विवाद पर कहा है कि विद्यार्थियों को स्कूल और कॉलेज द्वारा निर्धारित यूनिफॉर्म पहनना चाहिए। आदित्य ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में केवल शिक्षा को महत्व दिया जाना चाहिए। शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक या राजनीतिक मुद्दों के बजाय केवल शिक्षा पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
Where there is a prescribed uniform in schools/colleges, it should be followed. Only education should be the focus at centers of education. Religious or political issues should not be brought to schools/colleges: Maharashtra Minister Aaditya Thackeray on Karnataka hijab row pic.twitter.com/eBFR7VIvh4
— ANI (@ANI) February 9, 2022
क्या कहा नवाब मलिक ने?
नवाब मलिक ने कहा है कि यह लोगों का मौलिक अधिकार है कि वे तय करें कि वे क्या खाएं और क्या पहनें। सिर ढकना भारतीय संस्कृति का हिस्सा है, चाहे वह हिजाब हो या घूंघट। भाजपा और संघ इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं। क्या भाजपा और आरएसएस यह निर्णय लेंगे कि लोग क्या खाएं और क्या पहनें। मुस्लिम लड़कियां स्कूल और कॉलेज जा रही हैं, पढ़ रही हैं, क्या यह परेशानी है, बेटी पढ़ाओ नारे का क्या हुआ।
देश में कौन क्या खाए गा , क़ौन क्या पहने गा अब भाजपा और संघपरिवार तय करेगा ।यह नागरिकों के मौलिक अधिकरों का हनन है, मुस्लिम लड़कियाँ इस्कूल और कोलेज़ जा रही हैं ,पढ़ रही हैं , क्या यह परेशानी है, बेटी पढ़ाओ नारे का क्या हुआ ।
— Nawab Malik نواب ملک नवाब मलिक (@nawabmalikncp) February 9, 2022
कर्नाटक की आग महराष्ट्र मे
कर्नाटक में घटी घटना का असर महाराष्ट्र में भी पड़ता दिख रहा है। नासिक के मालेगांव शहर में 11 फरवरी को हिजाब दिवस मनाने की घोषणा की गई है। इस दिन सभी महिलाएं बुर्का पहनेंगी। इस बीच पुलिस राज्य में कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती कदम उठा रही है।