पश्चिमी उत्तरप्रदेश में 2017 की तुलना में 3 प्रतिशत कम हुआ मतदान! क्या यह है बड़े बदलाव का संकेत?

उत्तर प्रदेश मे इस बार भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला समाजवादी पार्टी और राष्टीय लोकदल गठबंधन से है। किसान आंदोलन के कारण जाट और मुसलमानों को एकजुट करने की पुरजोर कोशिश सपा-रालोद ने की है।

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उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 14 फरवरी को 55 सीटों के लिए सहारनपुर,मुरादाबाद और बरेली मंडलों की 55 सीटों पर वोट डाले गए। इससे पहले 10 फरवरी को पहले चरण में 58 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जा चुके हैं । पहले चरण में  60.17  प्रतिशत मतदान हुआ है । कैराना में बंपर वोटिंग हुई  तो सबसे कम साहिबाबाद में 45 प्रतिशत मतदान हुआ । 2017 के विधानसभा चुनाव में पहले चरण में 73 सीटों पर 64.22 प्रतिशत मतदान हुआ था, यानी पिछले चुनाव की तुलना में इस बार 2.88 प्रतिशत की कमी आई है । लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों , मुजफ्फरनगर ,बागपत , शामली में वोट प्रतिशत बढ़ा है।इसका कारण किसान आंदोलन बताया जा रहा है। इस कारण किसानों ने भारी संख्या में मतदान किया ।

भाजपा बनाम रालोद -सपा गठबंधन
इस बार भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला समाजवादी पार्टी और राष्टीय लोकदल गठबंधन से है। किसान आंदोलन के कारण जाट और मुसलमानों को एकजुट करने की पुरजोर कोशिश सपा-रालोद ने की है, जिसका फायदा उसको मिलता दिख रहा है। पहले चरण की 58 सीटों में 29 सीटों पर रालोद ,28 पर सपा और एक सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी चुनाव मैदान में है।

भाजपा के पक्ष में ये बातें
भाजपा ने पहले चरण के लिए एक सोची-समझी रणनीति पर काम किया। कानून-व्यवस्था का मुद्दा के भाजपा के पक्ष में काम करता दिखा। किसान आंदोलन के नुकसान को कम करने के साथ ही जाटों के वोट बैंक को टूटने से बचाने में भी भाजपा सफल होती दिखी । माना जा रहा है कि बसपा की कम सक्रियता का फायदा भी भाजपा को मिला है। उसके जाटव वोट बैंक को छोड़कर बाकी दलित वोट भाजपा के पक्ष में जाने का अनुमान लगाया जा रहा है।

भाजपा ने दिया है कई नये उम्मीदवारों को मौका
भाजपा हर चुनाव में कई नये उम्मीदवारों को अवसर देती है । इस बार भी उसने यह प्रयोग करते हुए 2017 में पहले चरण में जीती हुई 53 सीटों में से 19 सीटों पर नये उम्मीदवारों को टिकट दिया है । वर्तमान विधायकों के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी को कम करने के लिए उसके द्वारा ऐसा किए जाने की बात कही जा रही है।

2017 में थी भाजपा लहर
2017 में भाजपा की लहर थी। उसने 53 सीटें जीतकर समाजवादी पार्टी , बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल को मुकाबले से पूरी तरह बाहर कर दिया था । समाजवादी पार्टी और राष्टीय लोकदल ने अलग-अलग चुनाव लड़े थे। इन दोनों पार्टियों को केवल 3 सीटें मिली थीं । बसपा को दो सीटें मिली थीं । रालोद केवल एक सीट बागपत की छपरौली जीत सकी थी । समाजवादी पार्टी कैराना और मेरठ पर जीत सकी थी । भाजपा ने कुल 53 सीट जीती थी ,जिनमें आगरा से 9, मथुरा से 4, अलीगढ़ से 7 , बुलंदशहर से 7 ,मुजफ्फरनगर से 8 और मेरठ से 6 सीटें शामिल थीं।

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