चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में रांची सीबीआई न्यायालय के विशेष न्यायाधीश सुधांशु कुमार शशि ने 15 फरवरी को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सहित 75 आरोपितों को दोषी करार दिया है। इसमें 34 दोषियों को न्यायालय ने सजा सुनाई। शेष 41 दोषियों की सजा के बिंदु पर 21 फरवरी से सुनवाई होगी, जिसमें लालू यादव भी शामिल हैं। न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में 24 आरोपितों को बरी कर दिया है।
लालू यादव को रिम्स के पेइंग वार्ड में किया गया शिफ्ट
चारा घोटाला मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव के खराब स्वास्थ्य के मद्देनजर उन्हें रिम्स में भर्ती किया गया है। वह पेइंग वार्ड के पहले तल्ले पर रूम ए-1 में भर्ती रहेंगे। रिम्स पहुंचने के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लालू प्रसाद यादव को वार्ड के अंदर शिफ्ट किया गया। वार्ड में शिफ्ट करने के दौरान लालू के हनुमान कहे जाने वाले भोला यादव ने उन्हें सहारा दिया। लालू को रिम्स पहुंचाने के लिए कई बड़े नेता भी पहुंचे थे। राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दिकी, झारखंड के प्रभारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण, श्याम राजक, गोड्डा के पूर्व विधायक संजय प्रसाद यादव, लालू के साले प्रभुनाथ यादव भी पहुंचे थे।
99 आरोपितों के सजा के बिंदु पर हुई सुनवाई
चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले (आरसी 47ए/96) में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश की न्यायालय ने 99 आरोपितों के सजा के बिंदु पर सुनवाई की। इसमें 34 आरोपितों को दोषी मानते हुए न्यायालय ने सजा सुनाई। इसमें दो राजनीतिज्ञ, दो पशुपालन अधिकारी, 11 पशुपालन पदाधिकारी तथा 19 आपूर्तिकर्ताओं को तीन – तीन साल की सजा सुनाई गई है। जिन लोगों को सजा सुनाई गई, उनमें राजनीतिज्ञ ध्रुव भगत को तीन साल और जगदीश शर्मा को तीन साल की सजा सुनाई गई है।
अन्य दोषियों की सजा पर 21 फरवरी को होगी सुनवाई
शेष 41 दोषियों की सजा के बिंदु पर सुनवाई 21 फरवरी से शुरू होगी। इसमें 10-10 लोगों को सजा सुनाई जाएगी। इसमें लालू प्रसाद भी शामिल हैं। लालू तथा आरके राणा ने बीमारी का हवाला देते हुए वकील के माध्यम से न्यायालय में रिम्स में इलाज के लिए आवेदन दिया।
ये बरी
इस मामले में न्यायालय ने 24 आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। बरी हुए आरोपितों में राजेंद्र पांडेय, साकेत बिहारी लाल, दीनानाथ सहाय, राम सेवक, एनुल हक़, सनाउल हक़, मो हुसैन, कलशमनी कश्यप, बलदेव साहू, रंजीत सिन्हा, अनिल सिन्हा, कुमारी अनिता प्रसाद, रमावतार शर्मा, चंचल सिन्हा, रामशंकर सिंह, बसंत सिन्हा, प्रान्ति सिंह और मधु मेहता शामिल हैं।
यह है मामला
950 करोड़ के चारा घोटाला मामले में डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी हुई थी। इसी मामले में सीबीआई की विशेष न्यायालय ने फैसला सुनाया।