दिल्ली उच्च न्यायालय के जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने उपहार सिनेमा कांड मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में ट्रायल कोर्ट की ओर से दोषी करार दिए गए अंसल बंधुओं को मिली सजा के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है। न्यायालय ने 27 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। न्यायालय ने याचिका खारिज करते समय अंशल बंधुओं के सूबत नष्ट करने के षड्यंत्र को गंभीर मामला बताया।
पटियाला हाउस के सत्र न्यायालय ने 3 दिसंबर 2021 को उपहार सिनेमा कांड मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में दोषी अंसल बंधुओं और दिनेश चंद्र शर्मा की अपील को खारिज कर दी थी। 8 नवंबर 2021 को चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने इस मामले के पांच आरोपियों को सात-सात साल की सजा के अलावा सुशील अंसल और गोपाल अंसल पर सवा दो करोड़ रुपये का अलग-अलग जुर्माना लगाया था।
अंसल बंधुओं समेत पांच आरोपी दिए गए थे दोषी करार
न्यायालय ने 8 अक्टूबर को अंसल बंधुओं समेत पांच लोगों को दोषी करार दिया था। इसमें न्यायालय का कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा भी था। न्यायालय ने इसके अलावा पीपी बत्रा और अनूप सिंह को भी दोषी करार दिया था। सुशील अंसल के खिलाफ उच्च न्यायालय के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई थी। न्यायालय में सुशील अंसल के खिलाफ उपहार त्रासदी पीड़ित एसोसिएशन (एवीयूटी) की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति ने याचिका दायर की थी।
उपहार कांड में 59 लोगों की गई थी जान
आपको बता दें कि दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा में 13 जून, 1997 को ‘बार्डर’ फिल्म दिखाए जाने के दौरान आग लगने के बाद दम घुटने से 59 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद मची भगदड़ में सौ से अधिक लोग घायल भी हो गए थे।