जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और गाजियाबाद डासना मंदिर के महंत स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती ने 18 फरवरी को जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद सर्वानंद घाट पर आसन जमा लिया है। उन्होंने कहा कि वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी की जब तक रिहाई नहीं होगी, तब तक वे सर्वानंद घाट पर ही रहेंगे। त्यागी की रिहाई को लेकर धरने पर बैठे यति को पुलिस ने यहीं से गिरफ्तार किया था।
यह है पूरा मामला
हाल ही में इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपना चुके वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी जेल में हैं। उन्हें हरिद्वार धर्म संसद में हुई कथित हेट स्पीच मामले में हरिद्वार के नारसन बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था। 17 से 19 दिसंबर के बीच हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में आयोजित धर्म संसद में कथित रुप से दिए भड़काऊ भाषण मामले में यति नरसिंहानंद और वसीम रिजवी सहित कुछ अन्य संतों के खिलाफ 22 दिसंबर को कोतवाली हरिद्वार में मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसके तहत वसीम रिजवी और महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी की गई थी। 18 फरवरी जमानत पर रिहा होने के बाद महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद सरस्वती सर्वानंद घाट आसन जमाकर बैठ गए हैं। उनका कहना है कि वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी की रिहाई तक वे सर्वानंद घाट पर ही रहेंगे। यति के समर्थन और वसीम रिजवी की रिहाई की मांग को लेकर अनेक संत महात्मा और उनके अनुयाई भी सर्वानंद घाट पर एकत्रित हो गए हैं।