रूस और यूक्रेन विवाद के बीच ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने 18 फरवरी को गोल्डन वीजा रद्द करने का ऐलान कर धन निवेशकों को विशेष झटका दिया है। माना जा रहा है कि रूस के निवेशकों और वर्तमान वैश्विक हालात को देखते हुए ब्रिटेन ने यह कदम उठाया है।
सांसदों ने 2020 में दी थी चेतावनी
सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस से सैकड़ों अरबों डॉलर ब्रिटेन में निवेश किया गया, जिससे कुछ सहयोगियों में यह आशंका पैदा हो गई कि अवैध धन वैश्विक वित्तीय प्रणाली में फैल रहा है। संसद की खुफिया और सुरक्षा समिति के ब्रिटिश सांसदों ने 2020 में चेतावनी दी थी कि टियर 1 निवेशक वीजा प्रणाली को ओवरहाल करने सहित रूसी अभिजात वर्ग के अवैध वित्तीय लेनदेन से निपटने के लिए और अधिक काम करने की आवश्यकता है।
वीजा से मिलती है यह अधिकार
इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सरकार में गृह मंत्री प्रीति पटेल ने कहा कि उन्होंने टियर 1 वीजा प्रणाली को बंद कर दिया है, जो कम से कम 2 मिलियन पाउंड (2.72 मिलियन डॉलर) का निवेश करने वालों के लिए बसने का मौका देती है। प्रीती पटेल ने ट्वीट कर कहा कि हमने जो भी वीजा दिया है, उसकी समीक्षा के बाद मैंने टियर 1 इन्वेस्टर वीजा को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। यह धोखाधड़ी और अवैध वित्त पर हमारे नए सिरे से कार्रवाई की शुरुआत है।
लंदन की संपत्ति पर खर्च करने की होड़
बता दें कि लंदन को लंबे समय से ‘लंदनग्राड’ या ‘मास्को-आन-थेम्स’ करार दिया गया है, जो अमीर रूसियों और पूर्व सोवियत गणराज्यों के अन्य धनी निवासियों के लिए पसंद का शहर है। रूसी कुलीन वर्गों से लेकर मध्य पूर्वी तेल व्यवसायियों और नव-निर्मित चीनी उद्यमियों तक विदेशी खरीदारों ने पिछले तीन दशकों में लंदन की संपत्ति पर खर्च करने की होड़ लगी है।