देश अब महाराष्ट्र की राह पर चल पड़ा है। सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की है। जिसके अंतर्गत एक तिथि तय की गई है जिसके बाद सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। यह नियम महाराष्ट्र में तीन वर्ष पहले ही लागू हो चुका है।
महाराष्ट्र ने तीन वर्ष पहले सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर बड़ा निर्णय लिया था। अब इस राह पह चलते हुए केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने शुक्रवार को इस संबंध में तैयार विस्तृत दिशा-निर्देश अधिसूचित कर दिया है। शुक्रवार को केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट करके कहा कि दिशा-निर्देश प्लास्टिक के नए विकल्पों के विकास को बढ़ावा देने के साथ व्यवसायों को टिकाऊ प्लास्टिक पैकेजिंग की ओर बढ़ने के लिए एक रोडमैप प्रदान करेंगी।
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इस दिन के बाद होगी कार्रवाई
इन दिशा-निर्देशों को लागू करवाने कर जिम्मेदारी राज्य प्रदूषण नियंत्रण समिति पर होगी। एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इसमें प्लास्टिक के झंडों से लेकर ईयर बड तक सभी कुछ शामिल है। इसके साथ पैकेजिंग मैटिरियल में भी सिंगल यूज प्लास्टिक पूरी तरह से बैन होगा।
प्लास्टिक के ये सामान प्रतिबंधित
प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड, गुब्बारे में लगने वाली प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट में काम आने वाले थर्माकोल, प्लास्टिक कप, प्लेट, गिलास, कांटा, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे, मिठाई के डिब्बों पर लगाई जाने वाली प्लास्टिक, प्लास्टिक के निमंत्रण पत्र और 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पीवीसी बैनर आदि शामिल हैं।
महाराष्ट्र में 2018 से प्रतिबंधित
महाराष्ट्र में सिंगल यूज प्लास्टिक पर वर्ष 2018 से ही प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके अंतर्गत 1 मई 2018 से सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग, बिक्री, भंडारण, निर्माण आदि पर प्रतिबंध लग गया। इस संदर्भ में घोषणा आदित्य ठाकरे ने विधान सभा में की थी।