इसलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं सबसे भिन्न

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उत्तर प्रदेश में पहले भी सभी मुख्यमंत्री चुनाव के दौरान धुंआधार प्रचार करते रहे हैं। इसमें वह अपनी सरकार के कार्यों व उपलब्धियों का उल्लेख करते थे। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते थे। लेकिन इस मामले में वर्तमान मुख्यमंत्री का अंदाज सबसे अलग है। उनके पास प्रत्येक क्षेत्र में विगत पांच वर्षों के दौरान किये गए कार्यों का ब्यौरा रहता है। वह अपनी जनसभाओं में इनका विशेष रूप से उल्लेख करते हैं। यह भी बताते हैं कि संबंधित जनपद में कितने लोगों को किसान सम्मान निधि, निर्धन आवास शौचालय, नि:शुल्क बिजली कनेक्शन, निःशुल्क राशन, आयुष्मान योजना, उज्ज्वला योजना आदि का लाभ मिल रहा है।

वह सभा में यह भी पूछते हैं कि पहले यहां कितनी देर बिजली आती थी, अब कितने घंटे बिजली आ रही है। इतना ही नहीं अब अधिकांश जनपदों में मेडिकल कॉलेज बन गए हैं, या उनका निर्माण हो रहा है। एयर कनेक्टिविटी का बहुत विस्तार हुआ है। पांच एक्सप्रेस वे अनेक क्षेत्रों से निकल रही है। योगी लाभान्वित जनपदों का उल्लेख करते है। कानून-व्यवस्था पर वह पिछली सरकार पर हमला करते हैं। इस प्रकार योगी की पोटली में प्रत्येक जनपद या क्षेत्र के लिए कहने के लिए बहुत कुछ रहता है। ऐसी पोटली पिछली सरकारों के लिए दुर्लभ हुआ करती थी क्योंकि तब चंद जनपद वीआईपी माने जाते थे। उनमें चौबीस घंटे बिजली आती थी। विकास कार्य वहीं तक सीमित रहते थे। पूर्वी उत्तर प्रदेश व बुंदेलखंड पूरी तरह उपेक्षित रह जाते थे। पूर्वी उत्तर प्रदेश जापानी बुखार से परेशान रहता था। बुंदेलखंड में पानी की किल्लत में लोगों को अपने मवेशी वहीं छोड़ कर पलायन करना पड़ता था।

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योगी आदित्यनाथ ने जनपदों के इस वीआईपी कल्चर को बदल दिया। शुरू में उन्होंने गोरखपुर को भी चौबीस घंटे बिजली देने से इनकार कर दिया था। सरकार ने बिजली व्यवस्था को बदहाली से निकाला। इसके बाद सभी जिला मुख्यालयों को समान रूप से चौबीस घंटे बिजली मिलने लगी। इसी तरह सभी तहसीलों व गांवों के लिए समय निर्धारित कर दिया। कोई क्षेत्र वीआईपी नहीं रह गया। चालीस वर्षों से चली आ रही जापानी बुखार की समस्या का समाधान किया गया। बुंदेलखंड पानी की कमी से जूझता था। वहां हर घर नल से जल का सपना साकार हो रहा है। इसके अलावा एक जनपद एक उत्पाद की सौगात भी योगी की पोटली में रहती है। इसका उल्लेख भी वह संबंधित जनपद की चुनाव सभा में करते हैं।

पहले किसी भी मुख्यमंत्री को इस अंदाज में चुनावी सभा करते नहीं देखा। वह कतिपय योजनाओं का उल्लेख करते थे। अन्य के लिए भविष्य में पूरा करने का वादा करते थे। मतदाताओं ने उनके वादों पर विश्वास नहीं किया। किंतु वह प्रत्येक योजनाओं को अपना बताने में लगे रहे। योगी सरकार ने लंबित योजनाओं को तेजी से पूरा किया। इसके साथ ही अनेक अभिनव योजनाओं का क्रियान्वयन किया। एक जिला एक उत्पाद ऐसी ही योजना रही है। कभी उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद स्थानीय उद्योग या कृषि उत्पाद के लिए प्रसिद्ध थे। लेकिन पिछली सरकारों की उपेक्षा के चलते यह पहचान धूमिल होती गई। अनेक स्थानीय उद्योग या तो बंद हो गए या उनमें लाभ कम हो गया। इसलिए बड़ी संख्या में लोगों को आजीविका संबन्धी परेशानी का भी सामना करना पड़ा।

योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही इस समस्या पर ध्यान दिया। जिला एक उत्पाद योजना शुरू की गई। अब इसका क्रियान्वयन राष्ट्रीय स्तर पर किया जा रहा है। परम्परागत उत्पादों को प्रोत्साहित करना इस योजना का उद्देश्य है। आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने में एक जनपद, एक उत्पाद योजना बहुत बड़ी भूमिका का निर्वहन कर रही है। ओडीओपी के तहत परम्परागत उद्योग और क्षेत्र विशेष के उत्पादों को प्रोत्साहित करने से वोकल फाॅर लोकल के अभियान को बल मिल रहा है।

परम्परागत उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए केन्द्र एवं प्रदेश सरकार ने अनेक योजनाएं पहले से लागू की हैं। इन योजनाओं के बीच समन्वय करते हुए लाभार्थियों को प्रशिक्षण, टूलकिट वितरण आदि की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई। सरकार स्थानीय उत्पाद के कारीगरों को प्रोत्साहित करने के लिये भी अनेक योजनाओं का संचालन कर रही है। दक्षता, कौशल विकास, उद्यमिता विकास प्रशिक्षण एवं टूलकिट वितरण व भारत सरकार सहित अन्य सम्बन्धित योजनाओं व तकनीकी संस्थाओं से जोड़ा गया।

लेखक – डॉ. दिलीप अग्निहोत्री (इस लेख में व्यक्त विचार लेख के निजी हैं)

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