दिल्ली में दो अलग-अलग जगहों से मिले आईईडी के तार आपस में पूरी तरह से जुड़ चुके हैं। गाजीपुर में सीसीटीवी फुटेज में दिखी एक संदिग्ध बाइक सीमापुरी स्थित उस मकान के पास से मिली है, जहां आईईडी मिला था। इस मामले में स्पेशल सेल खुफिया विभाग और एनआईए से भी मदद ले रही है। सूत्रों की मानें तो इस मामले के तार पाकिस्तान से जुड़ते आ रहे हैं। वहीं लोकल मॉड्यूल से यह आईईडी तैयार करवाया गया था।
जानकारी के अनुसार, पिछले 14 जनवरी को गाजीपुर मंडी में आतंकी द्वारा आईईडी ब्लास्ट के लिए रखा गया था। समय रहते इसकी भनक वहां के लोगों को मिली और समय से सूचना मिलने के बाद इस ब्लास्ट की साजिश को नाकामयाब किया गया।
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सीसीटीवी फुटेज बनी साक्ष्य
इस मामले में 500 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगालने के दौरान एक संदिग्ध बाइक पुलिस को दिखी थी। वहीं कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य के आधार पर स्पेशल सेल की टीम ने सीमा पुरी के एक मकान में छापा मारा। इस मकान की दूसरी मंजिल पर कमरे में ताला लगा हुआ था। इसे तोड़कर जब पुलिस अंदर दाखिल हुई तो देखा कि वहां पर एक अन्य आईईडी को तैयार कर रखा गया है। एनएसजी की मदद से इसे डिफ्यूज किया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस मामले में सीमापुरी स्थित मकान के बाहर से ही एक बाइक पुलिस को मिली जो आरोपितों की बताई गई है। पुलिस ने पाया कि जिस दिन गाजीपुर में आईईडी मिला था, वहां पर एक सीसीटीवी फुटेज में यह बाइक दिखी थी।
इस बाइक पर सवार होकर दो युवक जाते हुए दिख रहे हैं। पुलिस टीम को यह भी पता चला है कि आरोपितों ने यह दूसरा आईईडी किसी भीड़भाड़ वाली जगह पर लगाने के लिए तैयार किया था। पुलिस ने कुछ महीने पहले ही दिल्ली में आधा दर्जन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था जिनमें से दो पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर आए थे। पुलिस का मानना है कि यह लोग उस आतंकी मॉड्यूल से मिले हुए हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार उस समय इन छह संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी की वजह से पाकिस्तान में बैठे उनके आका दिल्ली में धमाकों को अंजाम नहीं दे सके थे।
इसकी वजह से एक बार फिर नए मॉड्यूल को खड़ा कर दिल्ली में ब्लास्ट का प्रयास किया जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस एनआईए और खुफिया विभाग के साथ मिलकर आतंकी नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए पुलिस जेल में बंद संदिग्ध आतंकियों से भी जल्द ही पूछताछ कर सकती है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस मामले में उनके पास कई अहम साक्ष्य है, जिनकी मदद से वह जल्द ही आतंकियों को गिरफ्तार करने में कामयाब रहेंगे। पुलिस को यह भी पता चला है कि यह आतंकी दिल्ली और यूपी में मूवमेंट कर रहे थे। इस वजह से ही उन्होंने बॉर्डर के पास यह मकान किराए पर लिया था। उन्होंने फर्जी दस्तावेज दिखाकर मकान किराये पर लिया था। फिलहाल पुलिस उनका स्केच तैयार करवाने की कोशिश कर रही है ताकि उनकी पहचान की जा सके।
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