किसानों से ‘मन की बात’

पिछले दिनों लागू किए गए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए संभावनाओं के नये दरवाजे खोले हैं। इन अधिकारों ने बहुत ही कम समय में किसानों की समस्याओं को कम करना शुरू कर दिया है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ में कृषि बिल पर आंदोलन कर रहे किसानों को मनाने की कोशिश की। उन्होंने इस कानून को पूरी तरह से किसानों के हित में बताते हुए इसके फायदों का उल्लेख किया। पंजाब और हरियाणा के किसान इसी बिल के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। इनके साथ विपक्ष दल इसे काला कानून बता रहे हैं।

पीएम की ‘मन की बात’ की खास बातें

  • भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे हैं। काफी सोच-विचार के बाद संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरुप दिया।
  • इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार और अवसर भी मिले हैं।
  • पिछले दिनों लागू किए गए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए संभावनाओं के नये दरवाजे खोले हैं। इन अधिकारों ने बहुत ही कम समय में किसानों की समस्याओं को कम करना शुरू कर दिया है।
  • महाराष्ट्र के एक किसान जितेंद्र भोइजी ने इस कानून का फायदा उठाकर अपना बकाया वसूल लिया।
  • कानून में एक और बड़ी बात है, इस कानून में ये प्रावधान किया गया है कि क्षेत्र के एसडीएम को एक महीने के भीतर ही किसान की शिकयत का समधान करना होगा।
  • यह किसान की बड़ी ताकत है। इसका फायदा जितेंद्र भोइजी से उठाया और अपना बकाया वसूल कर लिया।
  • राजस्थान के बारां जिले में रहनेवाले मोहम्मद असलम जी इस बिल को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ा रहे हैं। वे एक किसान उत्पाद संघ के सीईओ भी हैं।
  • उम्मीद है कि बड़ी-बड़ी कंपनियों के सीएईओ को ये सुनकर अच्छा लगेगा, कि अब देश के दूर-दराज के इलाकें में काम कर रहे किसान संगठनों में सीईओ होने लगे हैं।
  • पराली मैनेजमेंट से किसानों को फायदा होगा। हरियाणा के वीरेंद्र जी पराली प्रबंधन में नई दिशा दिखा रहे हैं। वो किसानों को पराली मैनेजमेंट को लेकर जागरुक कर रहे हैं।
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