हर चुनाव के बाद कमजोर होती जा रही कांग्रेस की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। पांच राज्यों में कराए जा रहे चुनाव को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाली कांग्रेस पार्टी की वास्तविक स्थिति देखनी है तो उस गांव को देखना जरुरी है, जिसे 2014 में पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गोद लिया था।
उत्तर प्रदेश के इस गांव का नाम उड़वा है और यह रायबरेली जिले में स्थित है। सोनिया गांधी ने 2014 में इस गांव को सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया था।
उड़वा गांव के लोग इस बात को लेकर सोनिया गांधी के साथ ही कांग्रेस से भी बेहद नाराज हैं कि उन्होंने गांव तो गोद ले लिया लेकिन इसके विकास और बेहतरी के लिए कोई काम नहीं किया। गांव में शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों की ही व्यवस्था बदतर स्थिति में है। इस गांव के 95 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर करते हैं लेकिन सिंचाई का कोई भी साधन नहीं है।
गोद लेने पर जागी उम्मीद लेकिन..
गांव के निवासी वाहीद का कहना है कि सोनिया गांधी ने जब गांव को गोद तो लिया तो हमें काफी उम्मीद थी, कि गांव का विकास अब तेजी से होगा और देखते ही देखते इसकी सूरत चमकने लगेगी, लेकिन हमारी उम्मीदों पर पानी फिर गया। इतने साल हो जाने के बावजूद न को सोनिया गाधी ने यहां विकास का कोई किया और न तो कांग्रस ने ही कुछ किया।
कांग्रेसा और सपा दोनों से ही लोगों का हो गया मोहभंघ
महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली गांव की सामाजिक कार्यकर्ता रिद्धिमा सिंह का कहना है कि यह गांव ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र में आता है। यहां के सपा विधायक मनोज पांडे गांव वालों को डराते-धमकाते रहते हैं। जब विधायक ही ऐसी हरत करते हैं तो हम किससे शिकायत करें। उन्होंने विधायक पर कई घोटाले करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यहां की महिलाओं के विकास के लिए न कांग्रेस ने कुछ किया और न सपा ने। यहां तक कि गुंडों का हौसला इतना बढ़ा हुआ है कि वे लड़कियों को छेड़ते रहते हैं और पुलिस देखती रहती है।
गांव को तो गोद लिया, लेकिन..
यहां की रहने वाली पूजा नामक एक अन्य महिला ने कहा, ‘सोनिया गांधी ने इस गांव को तो गोद तो लिया, लेकिन विकास का एक काम भी नहीं किया। उन्होंने कहा कि इस बार जनता बदलाव की ओर देख रही है। इसका कारण यह है कि भाजपा ने बिना किसी भेदभाव के सरकारी योजना का लाभ दिया। सरकारी योजना पहले भी थी लेकिन उनका लाभ लोगों के नहीं पहुंच पाता था।