चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले आरसी-47 ए/96 डोरंडा प्रकरण में लालू प्रसाद यादव को सजा सुनाई गई है। यह सजा सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने सुनाई है। इस निर्णय के अनुसार लालू प्रसाद को पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है।
न्यायाधीश एसके शशि बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार तथा रिम्स से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे। यह मामला डोरंडा कोषागार से 139. 35 करोड़ की अवैध निकासी से जुड़ा हुआ है। अब तक पांच प्रकरणों में लालू प्रसाद को सजा सुनाई जा चुकी है। डोरंडा कोषागार प्रकरण में लालू प्रसाद यादव को पांच वर्ष की सजा और 60 लाख रुपए के अर्थ दंड की सजा सुनाई गई है।
कुल 75 दोषी करार
बता दें कि हो कि 15 फरवरी को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की न्यायालय ने इस मामले में फैसला सुनाया था। इस मामले में राजनीतिज्ञ, ब्यूरोक्रेट, डोरंडा कोषागार पदाधिकारी, पूर्व पशुपालन पदाधिकारी तथा आपूर्तिकर्ता सहित 99 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे थे। 99 में से 24 को अदालत ने 15 फरवरी को रिहा कर दिया था, जबकि, 75 को दोषी करार दिया था। इनमें से 35 अभियुक्तों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई थी, जबकि, दो फरार अभियुक्तों के लिए अदालत ने वारंट निर्गत किया था। शेष 38 अभियुक्तों की सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए न्यायालय ने 21 फरवरी की तिथि निर्धारित की थी।
इन हस्तियों को भी सुनाई जाएगी सजा
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, पूर्व विधायक डॉ आरके राणा, पूर्व आइएएस बेक जूलियस, कॉमर्शियल टैक्सेस पटना के पूर्व सहायक आयुक्त देवेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव सहित 38 अभियुक्तों की सजा के बिंदु पर सुनवाई होगी।
कारावास अवधि कम करने की गुहार
ज्ञातव्य है कि पहली पाली में सुनवाई के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री के अधिवक्ता ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उन्हें कम से कम सजा दी जाय। अधिवक्ता ने कोर्ट से कहा कि लालू यादव का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। वह कई बीमारियों से ग्रसित हैं। इसलिए उन्हें कम से कम सजा दी जानी चाहिए। दूसरी ओर, सीबीआई के वकील ने कोर्ट में कहा कि केस का ट्रायल लम्बा होना स्वाभाविक है। यह घोटाला है, समाज देखना चाहता है कि ऐसे घोटाले करने वालों को क्या सजा होती है।