देश में 12-18 आयुवर्ग के बच्चों को भी कोरोना से बचाव का टीका लग सकेगा। 21 फरवरी को बायोलॉजिकल ई की स्वदेशी वैक्सीन कोर्बेवैक्स को भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई ) ने आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।
कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ स्वदेशी रूप से विकसित देश का पहला आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट टीका है। इससे पहले 28 दिसंबर को वयस्कों में आपात स्थिति में कोर्बेवैक्स के सीमित इस्तेमाल की मंजूरी दी गई थी।
कोरोना के खिलाफ जंग जीतने के करीब
बायोलॉजिकल ई की कार्यकारी निदेशक महिमा डाटला ने खुशी जाहिर करते कहा कि सरकार द्वारा दी गई अनुमति के बाद कोरोना के खिलाफ जंग को जीतने के करीब पहुंच गए हैं। बच्चों का पूर्ण टीकाकरण होने के बाद स्कूल में शिक्षा फिर से सामान्य रूप से शुरू हो सकेगी। बायोलॉजिकल-ई ने अक्टूबर 2021 में क्लीनिकल परीक्षण शुरू किया और दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के नतीजे में पाया गया कि यह टीका पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है।
28 दिनोें के अंतराल पर दूसरी डोज
बता दें कि कोर्बेवैक्स टीका इंट्रामस्क्युलर यानी मांसपेशियों के रास्ते लगाया जाता है। इसकी दो खुराक 28 दिनों के अंतराल पर दी जाती है। कोर्बेवैक्स 0.5 मिलीलीटर (एकल खुराक) और 5 मिलीलीटर (दूसरी खुराक) की शीशी में उपलब्ध है। इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर रखा जाता है।