एसटी कर्मचारियों के विलय की मांग को लेकर मुंबई उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। याचिका पर मंगलवार, 22 फरवरी को सुनवाई हुई, लेकिन कोई फैसला नहीं हो सका। न्यायालय ने इस पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी की, “यह मुद्दा राजनैतिक है, इसलिए इस पर फैसला देने में समय लगेगा।” अब इस मामले में एसटी स्टाफ की रिपोर्ट पर 25 फरवरी को सुनवाई होगी। पिछले कई दिनों से एसटी के विलय का मुद्दा गरमाया हुआ है। विलय की मांग को लेकर एसटी कर्मियों ने 109 दिनों तक हड़ताल की थी।
एसटी कर्मचारियों के अधिवक्ता गुणवर्त सदावर्ते ने इस बारे में कहा है कि तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट 22 फरवरी को न्यायालय में पेश की गई, लेकिन उस पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर नहीं थे। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि एसटी कर्मियों को न्याय देने के लिए सरकार तैयार नहीं है।
परिवहन मंत्री ने कही ये बात
परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा, “मैंने तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट नहीं पढ़ी है। उसका अध्ययन करने के बाद निर्णय लिया जाएगा। अगर रिपोर्ट मर्जर के पक्ष में आती है तो सरकार उसी के अनुसार योजना बनाएगी।”