प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 फरवरी को भ्रष्टाचार को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले की सरकारों में राशन की दुकानों से गरीब के लिए भेजा गया अनाज, राशन माफिया के पास पहुंच जाता था। उन्होंने कहा कि हम दिन-रात गरीबों की समस्याओं के समाधान के लिए मेहनत कर रहे हैं। इसी क्रम में हमने ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ की शुरुआत की है।
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण के लिए कौशांबी में जनसभा को संबोधित करते हुये कहा कि दुकान के सामने कब राशन बांटने की तारीख लिखी गई, कब राशन खत्म हो गया, ये गरीब को पता ही नहीं चलता था। उन्होंने कहा कि घोर परिवारवादियों के ये दलाल, गरीब का राशन भी लूट लेते थे। यहां तक की उनके मंत्री, सांसद, विधायक तक इस खेल में शामिल रहते थे। भाजपा सरकार ने घोर परिवारवादियों के इन सारे खेलों को भी समाप्त कर दिया है।
भाजपा सरकार ने राशन कार्ड को पोर्टेबल बनाया
केंद्र सरकार की बन नेशन बन कार्ड का जिक्र करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले एक जगह का राशन कार्ड होल्डर दूसरी जगह राशन नहीं ले सकता था। इसलिए भाजपा सरकार ने राशन कार्ड को पोर्टेबल बनाया, ये सुविधा गरीब को दी कि वो किसी भी राशन की दुकान से अनाज ले सके। और अब तो हम वन नेशन-वन राशन कार्ड की सुविधा ले आए हैं।
भाजपा और एनडीए लगाएगी जीत का चौका
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में चौथे चरण का मतदान हो रहा है। उप्र की जनता, भाजपा की जीत का चौका मारने के लिए, एनडीए की जीत का चौका मारने के लिए आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि कौशांबी महाभारत, रामायण, पुराणों तक में प्रसिद्ध नगरी है। लेकिन घोर परिवारवादियों के राज में कौशांबी को विकास के लिए तरसा दिया गया। ये हमारी डबल इंजन की सरकार है, जो पूरी ईमानदारी से कौशांबी के विकास में जुटी है।
अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल को किया याद
जब मैं यहां आ रहा था तो मुझे अपने मित्र स्वर्गीय सोनेलाल पटेल की भी याद आ रही थी। उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीब, शोषित, पिछड़े, दलित वर्ग के कल्याण में लगा दिया।
विपक्ष पर टीकाकरण को लेकर भी साधा निशाना
कोरोना के इस काल में आपने कुछ मौसमी नेताओं को भी देखा है। कोरोना आया तो गायब हो गये, कोरोना कंट्रोल हुआ तो फिर आ गए। चुनाव आया तो आ गये, चुनाव खत्म तो विदेश चले गए। उन्होंने कहा कि जब लोग महामारी में परेशान थे तो वो गायब थे। चुनाव आया तो घर से बाहर निकल आए। ये लोग यूपी की जनता को वैक्सीन लगवाने के खिलाफ भड़काते रहे। और जब अपनी बारी आई, तो चुपचाप वैक्सीन लगवा ली। ऐसे मौसमी नेताओं को यूपी की जनता पूरी तरह पहचान चुकी है।