किसका जागेगा भाग्य?

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ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कार्पोरेशन चुनाव के लिए प्रचार 29 नवंबर को थम गया। यहां 1 दिसंबर को 150 वार्डों में मतदान कराए जाएंगे। मतों की गिनती 4 दिसंबर को होगी। फिलहाल यह चुनाव बीजेपी के नाक का सवाल बन गया है। पार्टी ने इस म्यूनिसिपल कार्पोरेशन के चुनाव प्रचार में गृह मंत्री अमित शाह से लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, उत्तर प्रदेश के मुख्मंमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तक को उतार कर अपनी पूरी ताकत झोंक दी।

 पासा पलटने की कोशिश
बीजेपी के इस आक्रामक चुनाव प्रचार से लोग हैरान हैं। सवाल यह उठता है कि यह चुनाव बीजेपी के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है। 2016 के चुनाव में गठबंधन में यहा सत्तारुढ़ दल टीआरए को 99 और ओवैसी की पार्टी आईएएमआईएम को 44 सीटों के मुकाबले बीजेपी को मात्र 5 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इसलिए कहा जा सकता है कि़ टीआरएस और ओवैसी के गढ़ में बीजेपी के लिए करिश्मा कर पाना आसान नहीं है। बीजेपी को इस बात का अहसास है,इसलिए उसने अपनी पूरी शक्ति लगाकर पासा पलटने का प्रयास किया है। इसके साथ ही इसे 2023 में होनेवाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव का लिटमस टेस्ट भी माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यहां चार सीटें मिली थीं। इससे उसका मनोबल बढ़ा हुआ है

बीजेपी ने उठाया वंशवाद का मुद्दा

29 नवंबर को रोड शो में गृह मंत्री अमित शाह ने वंशवाद और भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाकर मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव को घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि हम तेलंगाना को वंशवाद से लोकतंत्र की ओर ले जाना चाहते हैं। भ्रष्टाचार से पारदर्शिता और तुष्टिकरण की राजनीति से विकास की ओर ले जाना चाहते हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव पर वंशवाज करने का आरोप लगता रहा  है। इसी के साथ पार्टी में प्रशासनिक भ्रष्टाचार और अक्षमता के बोलबाले का भी आरोप है।

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मैं भाग्य नगर बनवाकर लोगों का भाग्य बदलने आया हूंः योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी यहां चुनाव प्रचार करने उतरे। उन्होंने इस दौरान लोगो को संबोधित करते हुए  कहा कि हम सबको तय करना है कि एक परिवार और मित्रमंडली को लूट-खसोट की आजदी देना है या हैदरबाद को भाग्य नगर बनवाकर विकास की नई बुलंदियों पर ले जाना है। उन्होंने कहा कि फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या हो गया, इलाहाबाद का नाम प्रयागराग हो गया, फिर हैदराबाद का नाम भाग्य नगर क्यों नहीं किया जा सकता।  उन्होंने ओवैसी की पार्टी को घेरते हुए कहा कि एआईएमआईएम के एक विधायक ने हिंदुस्तान बोलने से इनकार कर दिया। यह एआईएमआईएम की असलियत है।

ओवैसी ने निकाला भड़ास
योगी आदित्यनाथ के बयान पर भड़ास निकाला। उन्होंने कहा कि जो शख्स हैदराबाद का नाम बदलना चाहता है उसके नस्लें तबाह हो जाएगी, लेकिन इस शहर का नाम नहीं बदलेगा।

ओवैसी लैला के हजारों मजनूं कौन?
ओवैसी ने खुद को बीजेपी की बी टीम बताने पर सफाई पेश की। उन्होंने कहा कि बिहार में कांग्रेस ने कह दिया कि बीजेपी के साथ मैं वोटकटवा हूं। बी टीम हूं। हैदराबाद में कांग्रेस कह रही है कि अगर ओवैसी नहीं तो हमें वोट दे दो। बीजेपी कुछ और कह रही है। यानी मैं एक लैला हूं और हर कोई चाहता है कि मुझे मुद्दा बनाकर वोट हासिल किए जाएं। हैदराबाद की जनता यह देख रही है कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी हैदराबाद के हर पहलू को बेहतर बनाने की कोशिश कर रही है। यह बात जनता तय करेगी।

ट्रंप को बुला लो कुछ नहीं होगा
ओवैसी ने कहा कि चुनाव प्रचार के लिए भारतीय जनता पार्टी ने सबको बुला लिया। अब केवल ट्रंप को बुलाना बाकी है। ओवैसी ने हैदराबाद के लिए अपनी रैली के दौरन कहा कि यह हैदराबाद का चुनाव नहीं लग रहा है। यह ऐसा लग रहा है कि जैसे हम नरेंद्र मोदी की जगह पर कोई नया पीएम चुन रहे हैं। उन्होंने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि चाहे बीजेपी ट्रंप को बुला ले कुछ नहीं होगा।

ट्रंप भी गड्ढे में गिरे
पीएम मोदी ने ट्रंप का हाथ पकड़कर कहा था कि अबकी बार ट्रंप सरकार, लेकिन ट्रंप गड्ढे में गिर गए। पाकिस्तान संस्थापक मोहमम्मद अली जिन्ना को लेकर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी पर हमला करते हुए  उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग लाख जिन्ना- जिन्ना कहें लेकिन हमने जिन्ना की मोहब्बत को ठुकराया है।

केसीआर भी नहीं रहे पीछे
केसीआर ने कहा कि विभाजनकारी ताकतें राज्य में घुस रही है। वह यहां तबाही मचाना चाहती है।  क्या हम ऐसा होने देंगे। क्या हम उन्हें ऐसा करने की इजाजत देंगे। यूपी के सीएम आए थे। प्रति व्यक्ति आय के मामले में हमारा राज्य 6 साल पहले 13वें नंबर पर थे, अब 5वें स्थान पर हैं। यूपी 28वें या 29वें स्थान पर है वे क्या हमें सिखाएंगे। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस का महाराष्ट्र 10वें स्थान पर है। हम पांचवें नंबर पर हैं। वे हमें क्या सिखाएंगे।

खास बातें

  • 1 दिसंबर को 150 सीटों पर मतदान, 4 दिसबर को मतगणना
  • 74 लाख वोटर, एक करोड़ से ज्यादा की आबादी
  • 5 लोकसभा, 24 विधानसभा सीटें
  • साढ़े पांच हजार करोड़ का सलाना बजट
  • तेलंगाना की जीडीपी का बड़ा हिस्सा यहीं से आता है।

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