सेवा निवृत्त नायक दीपचंद पाबरा वह नाम है, जिन्होंने कारगिल युद्ध में सक्रिय योगदान दिया। अपने दोनों पैर और हांथ की उंगलियां देश की रक्षा के बीच गंवाने वाले दीपचंद पाबरा का हौसला आज भी उतना ही बुलंद है। परंतु, उसके कुछ दर्द भी हैं, जो उन्हें देश के लोगों के व्यवहार से झलकता है। वे स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक में वीर सावरकर के अत्मार्पण दिन पर आदरांजलि अर्पित करने आए थे।
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