इसलिए मुंबई में हुए ब्लैक आउट की होगी उच्च स्तरीय जांच!

27 फरवरी की सुबह दक्षिण मुंबई के कई इलाकों में अचानक बिजली गुल हो गई थी, जिसका मुंबई शहर के कामकाज पर काफी असर पड़ा था।

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महाराष्ट्र के उर्जा मंत्री नितिन राउत ने कहा कि 27 फरवरी की सुबह दक्षिण मुंबई में अचानक हुए ब्लैक आउट की उच्चस्तरीय जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि बिजली का संकट सिर्फ 70 मिनट में दूर कर दिया गया था लेकिन इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जांच आवश्यक है।

27 फरवरी की सुबह दक्षिण मुंबई के कई इलाकों में अचानक बिजली गुल हो गई थी, जिसका मुंबई शहर के कामकाज पर काफी असर पड़ा था।

लोकल ट्रेनों पर भी पड़ा था असर
बिजली गुल हो जाने से पश्चिम रेलवे की 50 लोकल गाड़ियां रद्द कर दी गईं और 140 लोकल गाड़ियां अनियमित हो गईं थीं लेकिन 70 मिनट के ब्लैक आउट के बाद बिजली की सेवा पूर्ववत हो गई थी। मंत्री नितीन राउत ने बताया कि टाटा पावर ग्रिड में अचानक खराबी आने से बिजली गुल हो गई थी।

पहले भी हो चुका है ऐसा
इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है। 12 अक्टूबर 2020 को भी काफी देर तक महानगर में बिजली गुल रही थी। इस कारण काफी हंगामा मचा था। करीब दो घंटे बाद बिजली आपूर्ति हो पाई थी।

यह था कारण
मुंबई में पावर सप्लाई के लिए मुख्य रूप से कलवा स्थित पावर ग्रिड से बिजली की आपूर्ति की जाती है। यहां एमएसईडीसीएल के 400 केवी कलवा पढगा जीआईएस केंद्र में दो सर्किट हैं, जिनके जरिए बिजली आपूर्ति की जाती है। सर्किट एक में गड़बड़ी आने के कारण पूरा लोड सर्किट दो पर दिया गया था। लेकिन इसमें भी खराबी आने से कई जगहों पर ट्रिपिंग हुईं और फिर मुंबई शहर में बत्ती गुल हो गई, जिसे दो घंटे बाद बहाल किया जा सका।

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