जलवायु परिवर्तन की मार भारत को बुरी तरह से प्रभावित करनेवाली है। संयुक्त राष्ट्र में प्रस्तुत एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2050 तक देश के कई शहरों में गर्मी का प्रकोप और बाढ़ का खतरा अनियंत्रित रूप से प्रभावित करेगा। यह सब होगा जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम के बदलते तेवर से, रिपोर्ट में भारत के कई शहरों को खतरे के क्षेत्र में चिन्हित किया है।
संयुक्त राष्ट्र में प्रस्तुत ‘क्लाइमेट चेंज 2022: इम्पैक्ट्स, अडाप्टेशन एण्ड वल्नेराबिलिटी’ के अनुसार भारत को विश्व में अति संकट प्रवीण क्षेत्र में चिन्हित किया है। इसमें मुंबई शहर को लेकर बड़ी चेतावनी दी गई है। शहर में बाढ़ का खतरा बुरी तरह से प्रभावित करेगा। इसका कारण होगा अनियंत्रित कार्बन उत्सर्जन। जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में हो रहे बदलाव से इस सदी के अंत तक लगभग 40 से 50 मीलियन लोग बाढ़ से प्रभावित होंगे।
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ये शहर भी खतरे में
भारत में बाढ़ के अलावा भयंकर गर्मी से भी कई शहर प्रभावित रहेंगे। जिसमें चेन्नई, पटना, भुवनेश्वर और लखनऊ का नाम है। रिपोर्ट में कोलकाता में बवंडर का बड़ा खतरा बताया गया है। ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण मौसम में हो रहे परिवर्तन से भारत बड़े खतरे में है।
शहरीकरण बड़ा खतरा
संयुक्त राष्ट्र के पैनल द्वारा निर्मित जलवायु परिवर्तन (क्लाइमेट चेंज) की रिपोर्ट के अनुसार भारत में अगले 15 वर्षों में शहरीकरण 35 से 40 प्रतिशत बढ़ जाएगा, इससे शहरी भागों में बाढ़, भूमि की सतह पारगम्यता (लैंड सर्फेस पर्मियाबिलिटी) कम होगी, इसके अलावा आर्द्रता कम होने से स्थानीय स्तर पर वर्षा कम हो सकती है। इस रिपोर्ट में कार्बन उत्सर्जन के कारण कई शहरों में गर्मी के उस स्तर तक बढ़ने का खतरा व्यक्त किया गया है, जो मानव की सहनशक्ति से परे होगी।