बेस्ट की राह पर एसटीः टिकट देने को लेकर निगम ने लिया यह निर्णय

एमएसआरटीसी को राज्य सरकार में विलय को लेकर तीन महीने से निगम के कर्मचारियों की जारी हड़ताल के कारण यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। इस देखते हुए निगम ने कई कदम उठाए हैं।

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पिछले तीन महीने से अधिक समय से महाराष्ट्र के एसटी कार्यकर्ता विलय की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। विलय की मांग पर अड़े एसटी कर्मचारी अब एसटी निगम ने वैकल्पिक रास्ता निकाला है। हड़ताल के कारण कर्मचारियों की संख्या की कमी को देखते हुए एमएसआरटीसी ने यह निर्णय लिया है। अब एसटी यात्रियों को इलेक्ट्रोनिक टिकट वहीं दे दिए जाएंगे, जहां से बसे खुलेंगी। इसके साथ ही बस स्टॉप पर भी टिकट दिए जाएंगे। इसके लिए ट्राइमैक्स को इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन की आपूर्ति का ठेका दिया गया है।

अब बस स्टॉप पर टिकट
एसटी की हड़ताल के कारण इसके कर्मचारियों की उपस्थिति काफी कम है। इसके चलते एसटी की सेवा बाधित हो रही  है। इस सेवा को सामान्य बनाने के लिए ड्राइवरों को अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया गया है। वर्तमान में काफी बसें अनुबंधित चालक और वाहक द्वारा चलाई जा रही हैं। ट्राइमैक्स फिलहाल 54 वाहकों को प्रशिक्षण दे रहा है। इन वाहकों को बस स्टॉप पर नियुक्त किया जाएगा। इसके साथ ही बसों में टिकट उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे।

इसलिए यह वैकल्पिक मार्ग
पिछले तीन महीने से एस कर्मियों की जारी हड़ताल से निगम को 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। हालांकि कुछ हद तक एसटी सेवा शुरू हो गई है। लेकिन प्रशासन का कहना है कि आमदनी ज्यादा नहीं बढ़ी है। 92,000 कर्मचारियों में से केवल कुछ हजार ही काम पर आ रहे हैं। बता दें कि एसटी विलय की मांग पर 11 मार्च को न्यायालय में सुनवाई होनी है।

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