उप्र में छठे चरण का मतदानः पूर्वांचल में ओबीसी फैक्टर रहेगा महत्वपूर्ण, ये हैं कारण

छठे चरण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ सहित मंत्री उपेन्द्र तिवारी , सूर्यप्रताप शाही , सतीश द्विवेदी और राम स्वरूप शुक्ला मैदान में हैं।

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उत्तर प्रदेश के छठे चरण में 3 मार्च को वोट डाले जाएंगे। पूर्वाचंल के 10 जिलों में 57 सीटें है। दिलचस्प बात यह है कि चुनाव से ऐन पहले भारतीय जनता पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य, ओ.पी.राजभर और दारा सिंह चौहान जैसे ओबीसी चेहरों की इस चरण में असली परीक्षा होगी। वहीं भाजपा की तरफ से संजय निषाद और केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी पूरी ताकत लगा रहे हैं।

अंबेडकर नगर और गोरखपुर जिले में एससी वोटर हावी
2017 के विधानसभा चुनावों में मोदी लहर के बावजूद अंबेडकर नगर में बसपा ने 3 सीटें जीती थीं, जबकि दो सीट भाजपा के खाते में गई थीं । इस जिले में समाजवादी पार्टी को एक सीट भी नहीं मिली थी । अंबेडकर नगर में बसपा का खासा जनाधार है। इसलिए यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है ।

ओबीसी वोटों की राजनीति करने वाले नेताओं की परीक्षा
पहले चरण में जाट -मुस्लिम, तीसरे और चौथे चरण में किसान-सिख के बाद ओबीसी वोटों के बल पर राजनीति करने वाले नेताओं की परीक्षा होगी । छठे चरण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ सहित मंत्री उपेन्द्र तिवारी , सूर्यप्रताप शाही , सतीश द्विवेदी, शलभमणि त्रिपाठी और राम स्वरूप शुक्ला मैदान में हैं , वहीं नेता  प्रतिपक्ष राम गोविद चौधरी , विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ,लालजी वर्मा और उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी चुनाव मैदान में हैं ।

2017 में 57 में से 46 सीटें भाजपा ने जीतीं
वर्ष 2017 में छठे चरण की 57 सीटों में से भाजपा ने 46 सीटों पर विजय प्राप्त की थी । इसमें अंबेडकर नगर से 2 , बलरामपुर से 4 ,बस्ती से 5, गोरखपुर से 8 , कुशीनगर से 5 ,देवरिया से 6 और बलिया से 5 सीटें भाजपा ने जीती थीं । समाजवादी पार्टी ने देवरिया और बलिया जिले से 2 सीटें जीती थीं। बसपा को अंबेडकर नगर में 3 , गोरखपुर और बलिया में एक -एक सीट मिली थी ।

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