झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के के चौथे दिन गुरुवार को भाजपा विधायकों ने पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने की मांग को लेकर सदन में प्रदर्शन किया। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्रवाई पूरी तरह से बाधित रही। विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्वाह्न 11 बजकर 24 मिनट पर सदन की कार्यवाही को अपराह्न 12:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले पूर्वाह्न 11:00 बजे सभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही भाजपा के रामचंद्र चंद्रवंशी ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि राज्य में आगामी दिनों होने वाले पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग को भी आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिलाने के लिए राज्य सरकार सर्वेक्षण कराए। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट का भी और स्पष्ट आदेश पहले ही आ चुका है।
संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण के सवाल पर ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से भी सवाल पूछा गया है। सदन में समय आने पर सरकार इसका जवाब देगी। इसलिए अभी विपक्षी सदस्यों को हंगामा करने की बजाय सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने में मदद करनी चाहिए।
इससे पहले मंत्री बन्ना गुप्ता ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि वे भी 27 प्रतिशत आरक्षण देने के पक्षधर रहे हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में ही पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को 27 प्रतिशत से घटाकर 14 प्रतिशत किया गया था। इसलिए आज पिछड़ा वर्ग को को 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग करने वाले भाजपा विधायकों को पहले अपने नेता बाबूलाल मरांडी से सवाल पूछना चाहिए।
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