क्या सर्वोच्च न्यायालय दे सकता है पुतिन को युद्ध रोकने का आदेश? जानिये क्या मिला उत्तर

109

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक प्रभावित हुए हैं। ऐसे में छात्रों की दिक्कतों के विषय पर एक याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दायर हुई है। जिसकी सुनवाई स्वत: मुख्य न्यायाधीश एन.वी रमन्ना कर रहे थे। इस याचिका पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि, छात्रों के प्रति संवेदना है परंतु, न्यायालय इसमें कुछ नहीं कर सकता। हम रूस को युद्ध रोकने के लिए नहीं कह सकते।

3 मार्च को एक याचिका को वरिष्ठ वकील एम.के धर ने मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए इस पर जल्द सुनवाई की मांग की। उन्होंने चीफ जस्टिस से कहा कि रोमानिया की सीमा पर कई छात्र फंसे हुए हैं। तब कोर्ट ने कहा कि हम इसमें क्या कर सकते हैं। इसमें सरकार कदम उठा रही है। हमें छात्रों से हमदर्दी है। हम अटार्नी जनरल से इसमें मदद के लिए कहेंगे।

ये भी पढ़ें – फुटबॉल में रूस को किक… टीमों ने विश्व कप प्ले-ऑफ में लिया ऐसा निर्णय

अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल एक-दूसरे मामले में कोर्ट में पेश हुए
दोपहर के बाद जब अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल एक-दूसरे मामले में कोर्ट में पेश हुए तो चीफ जस्टिस ने उनसे छात्रों की मदद करने को कहा। चीफ जस्टिस ने अटार्नी जनरल से कहा कि हजारों छात्र फंसे हुए हैं, आप इसमें मदद कीजिए। तब अटार्नी जनरल ने पूछा कि क्या जिस छात्र के लिए याचिका दायर की गई है उसने यूक्रेन की सीमा पार कर ली है तब वकील एमके धर ने कहा कि नहीं।

वकील को याचिका की प्रति अटार्नी जनरल को सौंपने का निर्देश
तब अटार्नी जनरल ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक मंत्री को रोमानिया भेजा है ताकि छात्रों को वापस लाया जा सके। उसके बाद चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता के वकील को याचिका की प्रति अटार्नी जनरल को सौंपने का निर्देश दिया।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.