महाराष्ट्र सरकार की ओर से अपनी हिस्सेदारी के पांच हजार करोड़ रुपये न देने से मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना का काम रुक गया है।
एनएचआरसीएल के प्रवक्ता के अनुसार इस प्रोजेक्ट के तहत बांद्रा-कुर्ला स्टेशन के अंडरग्राउंड टनल के काम को सी1 टेंडर और बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स को सी2 टेंडर में शामिल किया गया था। इसके लिए 14.5 मीटर व्यास वाली तीन टनल बोरिंग मशीनों की आवश्यकता होती है।
काम रोकने का निर्णय
मुंबई में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में तेजी लाने के लिए नवंबर 2019 में निविदाओं की घोषणा की गई थी, जिन्हें फिलहाल रद्द कर दिया गया है। बताया गया कि नेशनल हाई स्पीड रेलवे कॉरपोरेशन (एनएचआरसीएल) ने बुलेट ट्रेन परियोजना में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिलफाटा तथा बांद्रा-कुर्ला स्टेशन के बीच सुरंग बनाने का काम रोकने का निर्णय लिया है।
87 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण का काम पूरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन की घोषणा की थी और इस परियोजना का शिलान्यास समारोह वर्ष 2017 में किया था। इस परियोजना के लिए गुजरात और महाराष्ट्र प्रत्येक पांच करोड़ रुपये देने वाले थे तथा शेष धनराशि 1.1 लाख करोड़ रुपये की लागत ऋण के रूप में उपलब्ध कराये जाने का निर्णय लिया गया था। इस परियोजना के लिए राज्य में 433.42 हेक्टेयर भूमि में से 266.69 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण अर्थात 87 प्रतिशत पूरा हो चुका है। गुजरात में 98.63 फीसदी जमीन का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। महाराष्ट्र, गुजरात और दादरा नगर हवेली में कुल 1215.83 हेक्टेयर भूमि अब तक एनएचआरसीएल को हस्तांतरित की गई है।
बजट सत्र से उम्मीद
महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण का काम धीमी गति से चल रहा है। राज्य में इस समय बजट सत्र चल रहा है। एनएचआरसीएल के प्रवक्ता ने आशा जताई कि महाराष्ट्र में बजट सत्र में बुलेट ट्रेन के लिए तय रकम का भुगतान करने का निर्णय लिया जा सकेगा।