युद्ध का 12वां दिनः इसलिए रूस ले रहा है सीरियाई लड़ाकों की मदद

सीरिया के एक समाचार पत्र के हवाले से बताया गया है कि रूस ने सीरियन लड़ाकों की कीमत दो सौ डॉलर से तीन सौ डॉलर लगाई है, जो छह माह तक रूस में रहेंगे।

118

हताशा और निराशा में रूस सीरियाई लड़ाकों की मदद ले रहा है, जो शहरी क्षेत्रों में आरपार की लड़ाई में माहिर बताए जाते हैं। इसका सीधा सादा मकसद यूक्रेन के शहरों पर अपनी पकड़ मजबूत करनी है। अभी रूसी सैनिकों को यूक्रेन के हथियारबंद स्थानीय निवासियों से कड़ा मुकाबला करना पड़ रहा है।

अमेरिकी जानकारों का मत है कि रूस इस मकसद में पिछले कुछ वर्षों से लगा हुआ था। वह लगातार ऐसे लड़ाकों की भर्ती कर रहा था, जो शहरी क्षेत्रों में लड़ाई के माहिर हैं। ऐसे सीरियाई लड़ाके इन दिनों मास्को में हैं। रूस को यूक्रेन के दो बड़े शहरों कीव और खारकीव में कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

सीरिया के एक समाचार पत्र ‘दियर एज़्ज़ोर’ के हवाले से बताया गया है कि रूस ने ऐसे लड़ाकों की कीमत दो सौ डॉलर से तीन सौ डॉलर लगाई है, जो छह माह तक रूस में रहेंगे। इनके अलावा चेचन रिपब्लिक से भी वॉलंटियर लिए गए हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.