यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के करियर का मामलाः सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर की गई ये मांग

यूक्रेन से लौटे हजारों छात्रों का करियर अधर में लटक गया है। हालांकि सरकार ने खुद उनकी बेहतरी के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसके साथ ही यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में पहुंच गया है।

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यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों को भारत के कॉलेजों में दाखिला देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की गई है। याचिका दो वकीलों ने दायर की है।

याचिका वकील पार्थवी आहूजा और प्राप्ति सिंह ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि यूक्रेन में स्थिति सामान्य होने की अभी कोई संभावना नहीं है। हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। याचिका में कहा गया है कि यूक्रेन से लौटे छात्रों को प्रवेश नियमों में छूट देकर सरकारी और निजी कॉलेजों में जगह दी जाए।

याचिका में कहा गया है कि यूक्रेन से लौटे छात्रों की पढ़ाई पूरी करने के लिए वहां के कॉलेज और यूनिवर्सिटी से समन्वय कर उन्हें भारत में अपनी पढ़ाई पूरी करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए।

छात्रों के करियर को लेकर सरकार गंभीर
यूक्रेन से जान बचाकर लौटे भारतीय छात्रों को अब अपनी मेडिकल शिक्षा पूरी करने की चिंता सताने लगी है तो सरकार भी सभी संभावित पहलुओं पर गंभीरता से विचार कर रही है। यूक्रेन पढ़ने गए छात्रों और उनके परिजनों का सपना बच्चों को डॉक्टर बनाने का रहा है और उसे साकार करने की जिम्मेदारी भी सरकार पर आ गई है। सरकार ने यूक्रेन से लौटे छात्रों से इंटर्नशिप फीस नहीं लेने का निर्णय किया है। यह सरकार की सकारात्मक सोच का परिणाम माना जा सकता है।

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