रूस-यूक्रेन युद्धः निकाले गए सुमी में फंसे सभी भारतीय छात्र, स्वदेश वासपी के लिए सरकार का ऐसा है प्लान

22 फरवरी को शुरू हुए ऑपरेशन गंगा से अबतक विशेष उड़ानों के माध्यम से लगभग 18 हजार भारतीयों को वापस लाया गया है।

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विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि संघर्षरत सुमी शहर में फंसे सभी भारतीय छात्रों को वहां से निकाल लिया गया है। इन सभी को पोल्टावा ले जाया जा रहा है, जहां वह ट्रेन के माध्यम से पश्चिमी यूक्रेन पहुंचेंगे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एवं बागची ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि उन्हें जानकारी देते हुए बेहद हर्ष हो रहा है कि भारत सरकार सुमी से सभी भारतीयों को निकालने में कामयाब हुई है। उन्हें भारत लाने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत उड़ानों का प्रबंध किया जा रहा है।

इससे पहले केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया था कि सुमी शहर में भारतीय छात्रों के लिए निकासी प्रक्रिया शुरू हो गई है और उन्हें बसों में पोल्टावा ले जाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 8 मार्च की रात उन्होंने नियंत्रण कक्ष से जांच की और उन्हें पता चला कि सुमी में 694 भारतीय छात्र शेष थे।

इसी बीच यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने अपील की है कि वहां फंसे सभी लोग निकासी के लिए घोषित मानवीय गलियारों का उपयोग कर देश से बाहर निकल जाएं। दूतावास का कहना है कि इस तरह के गलियारे का भविष्य में उपलब्ध होना अनिश्चित है। ऐसे में रेल, बस और वाहन किसी भी माध्यम से अपनी निकासी सुनिश्चित करें।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कहना है कि यूक्रेन के पड़ोसी देशों से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत 8 मार्च को सुसेवा से 2 विशेष नागरिक उड़ानों के जरिए 410 भारतीयों को एयरलिफ्ट किया गया है।

इसके साथ ही 22 फरवरी को शुरू हुए ऑपरेशन गंगा से अबतक विशेष उड़ानों के माध्यम से लगभग 18 हजार भारतीयों को वापस लाया गया है। 75 विशेष नागरिक उड़ानों द्वारा एयरलिफ्ट किए गए भारतीयों की संख्या 15,521 है। वायुसेना 12 मिशन उड़ानों के माध्यम से 2,467 यात्रियों को वापस लाई है और 32 टन से अधिक राहत सामग्री वहां पहुंचाई गई है।

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