15 दिसंबर से आम लोगों को मुंबई लोकल में यात्रा करने की इजाजत दी जाएगी। मध्य रेलवे के सीपीआरओ शिवाजी सुतार ने यह जानकारी दी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि इस बारे में अभी तक रेलवे और महाराष्ट्र सरकार की बैठक नहीं हुई है।
रेलवे और राज्य सरकार में सियासत
इससे संबंधित जो जानकारियां मीडिया तक आ रही हैं, उससे यही लगता है कि रेलवे और राज्य सरकार की सियासयत की वजह से ही अभी तक मुंबई में आम लोगों के लिए लोकल शुरू नहीं की जा सकी है। रेलवे जहां इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है, वहीं राज्य सरकार रेलवे को कटघरे में खड़ा कर रही है। तो क्या अब यह समझा जाए कि इस बार इस सियासत को विराम देकर 15 दिसंबर सो मुंबई लोकल में सबको यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी?
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राज्य सरकार ने लिखा था पत्र
बता दें कि अक्टूबर में राज्य सरकार ने आम लोगों को लोकल में यात्रा करने की अनुमति देने के लिए रेलवे को पत्र लिखा था। मिली जानकारी के अनुसार रेलवे ने उस पत्र का उत्तर अविलंब दे दिया था। लेकिन इस बारे में निर्णय लेने के लिए रेलवे और राज्य सरकार को बैठक करने का समय अब तक नहीं मिल पाया है। उस समय राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा था कि लोकल में आम लोगों को यात्रा करने की इजाजत देने में रेलवे रोड़े अटका रही है।
रेलवे प्रवासी संगठन का कड़ा रुख
सबसे अहम बात यह है कि रेलवे और राज्य सरकार की इस लड़ाई में आम लोग परेशान हो रहे हैं। लोगों की परेशानी को देखते हुए रेलवे प्रवासी संगठन ने कई मुद्दे उठाते हुए हैंः
महत्वपूर्ण मुद्दे
- आज भी 25 फीसदी मुंबईकर कारोना के डर से घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। जिन्हें आवश्यक काम होता है, सिर्फ वे ही लोकल में यात्रा करते हैं।
- अधिकांश लोग खतरे से वाकिफ हैं, इसलिए वे खुद ही कोरोना के दिशानिर्देशों का पालन करते हैं।
- पिछले 7 महीनों से लोग कोरोना के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर बस में यात्रा कर रहे हैं। यात्रियों की संख्या ज्यादा होने की वजह से 15 मिनट की यात्रा करने में लोगों का एक घंटा बर्बाद हो रहा है। क्या इससे कोरोना का खतरा नहीं बढ़ रहा है?
- कोरोना खत्म होने में दो साल का समय भी लग सकता है, तब तक क्या लोगों को मुंबई लोकल ट्रेनो में सफर करने की इजाजत नहीं दी जाएगी?
- सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के बीच एक मीटर की दूरी रखने के नियमों का पालन करना कभी भी संभव नहीं हो पाएगा। इस तरह के नियम सिर्फ कहने के लिए हैं, व्यवहार में लाना असंभव है। इसलिए रेलवे में यात्रा और कोरोना से संबंधित सभी नियमों का पालन, दोनों कभी भी संभव नहीं है। यह हकीकत रेलवे और राज्य सरकार को स्वीकार करनी चाहिए।
- सबके लिए लोकल यात्रा शुरू किए बिना मुंबई की अर्थ व्यवस्था में सुधार मुश्किल है। इसलिए जल्दी से जल्दी सभी को लोकल में यात्रा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।