उत्तर प्रदेश में काशी, रायबरेली, गोरखपुर ऐसे संसदीय क्षेत्र जिन पर देश की निगाह थी। यहां पर काशी और गोरखपुर में भाजपा की विजय पताका लहराई तो सोनिया गांधी की रायबरेली में हाथ साफ हो गई है।
काशी में घर-घर मोदी
भारतीय जनता पार्टी ने जिले के आठों विधानसभा सीट को अपनी झोली में डाल वर्ष 2017 के इतिहास को पुन: दोहराया। चुनाव में एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का वाराणसी में दो दिन प्रवास और ऐतिहासिक रोड शो का जादू मतदाताओं में जमकर चला। जिले में सात विधानसभा सीटों पर भाजपा और उसके सहयोगी दलों को आसानी से जीत मिल गई। लेकिन कांटे की टक्कर और धड़कनों को बढ़ा देने वाली लड़ाई में शहर दक्षिणी के प्रत्याशी डॉ नीलकंठ तिवारी ने 25वें और अंतिम चक्र के बाद कुल प्राप्त 99416 वोटों के साथ अपने निकटतम प्रतिस्पर्धी सपा के किशन दीक्षित को 10722 मतों से हरा दिया। किशन दीक्षित को कुल 88697 मत मिला।
वाराणसी शहर उत्तरी के प्रत्याशी रविन्द्र जायसवाल को सबसे आसान जीत मिली। उन्हें 32 चक्र के बाद कुल 01 लाख 33 हजार 464 मत मिला। उन्होंने सपा के अशफाक को 40549 वोटों से पराजित किया।
पिंडरा में अवधेश सिंह ने 35621 वोटों से बसपा उम्मीदवार को हराया। बसपा के बाबूलाल पटेल 48341 वोट पाकर दूसरे और कांग्रेस के अजय राय 47963 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे।
अजगरा में भाजपा प्रत्याशी त्रिभुवन राम विजयी हुए हैं। त्रिभुवन ने सपा गठबंधन के सुभासपा प्रत्याशी सुनील सोनकर को 9245 वोटों से हराया।
सेवापुरी में भाजपा प्रत्याशी नीलरतन पटेल विजयी हुए हैं। नील रतन पटेल ने सपा के पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल को 22679 से वोटों से हराया।
शिवपुर में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर को 27831 वोटों से हरा दिया है।
रोहनियां सीट भाजपा गठबंधन के साथी अपना दल(एस) प्रत्याशी सुनील पटेल ने अपना दल कमेरावादी अभय पटेल को 46601 वोट से हरा दिया। सुनील पटेल को 118329 और अभय पटेल को 71728 वोट मिले।
कैंट विधानसभा सीट पर भाजपा विधायक और प्रत्याशी सौरभ श्रीवास्तव एक बार फिर जीत गए हैं। उन्होंने सपा प्रत्याशी पूजा यादव को 86677 वोटों से हराया।
हाथ हुआ साफ
सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र और अभेद्य किला रही रायबरेली अब कांग्रेस मुक्त हो गई है। सभी विधानसभा में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है और कहीं भी वह सीधे मुकाबले में नहीं रही। जबकि सपा ने बढ़त बनाते हुए 2017 में एक सीट के मुकाबले चार पर जीत हासिल कर ली। भाजपा भी 2017 में तीन सीट से पिछड़ कर दो पर सिमट गई। सभी विधानसभाओं में सपा और भाजपा के बीच ही मुकाबला रहा। जबकि बसपा केवल अपनी उपस्थिति दर्ज करने तक ही रही। जिले के।लिए यह परिणाम चौंकाने वाले हैं। कांग्रेस केवल बछरावां में मुख्य मुकाबले में रही, जबकि अन्य सभी सीटों पर उसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
विधानसभा चुनाव की हुई मतगणना में सदर सीट से भाजपा की अदिति सिंह ने विजय दर्ज की है। वह लगातार दूसरी बार इस सीट से विजयी हुई हैं। उन्होंने सपा के आर पी सिंह यादव को हराया है। कभी प्रियंका वाड्रा की नजदीकी नेताओं में रही अदिति ने 2017 में बड़े मार्जिन से कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी। लेकिन 2022 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार डॉ मनीष सिंह को करारी हार का मुंह देखना पड़ा।
योगी मय गोरखपुर
गोरखपुर जिले की सभी 09 सीटें भाजपा ने जीत ली है। वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा को गोरखपुर में कैम्पियरगंज, पिपराइच, गोरखपुर शहर, गोरखपुर ग्रामीण, चौरीचौरा, सहजनवां, बांसगांव और खजनी यानी कुल 08 सीटों पर जीत मिली थी। एक मात्र चिल्लूपार सीट पर भाजपा हार गई थी। यहां से बसपा के टिकट पर विनय शंकर तिवारी चुनाव जीते थे। हालांकि इस सीट पर विनय शंकर तिवारी इस बार फिर सपा के टिकट पर मैदान में थे लेकिन, इस बार भाजपा के राजेश त्रिपाठी ने इन्हें हरा दिया है। कैम्पियरगंज से पूर्व मंत्री फतेहबहादुर, पिपराइच से महेंद्र पाल सिंह, गोरखपुर ग्रामीण से विपिन सिंह भाजपा के टिकट पर दोबारा जीत गए हैं। भाजपा ने चौरीचौरा, सहजनवां और खजनी में उम्मीदवार बदल दिया था। सहजनवां से प्रदीप शुक्ला, खजनी से श्रीराम चौहान और चौरीचौरा से सरवन निषाद विधायक बन गए हैं।