पांच राज्यों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी में बदलाव को लेकर मंथन तेज हो गया है। रविवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक से पहले सुबह 10.30 बजे पार्टी की संसदीय रणनीति समूह की मीटिंग 10 जनपथ पर बुलाई गई है। इस बीच कांग्रेस का असंतुष्ट ग्रुप 23 भी विरोध की नई रणनीति बनाने पर कार्य कर रहा है।
असंतुष्ट खेमा यानी ग्रुप -23 भी हुआ सक्रिय
कांग्रेस पार्टी के असंतुष्ट नेताओं ने कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ विरोध का स्वर तेज कर दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के घर पर असंतुष्ट नेताओं ने मीटिंग की, जिसमें कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी शामिल हुए। असंतुष्ट नेता एक बार फिर नेतृत्व बदलने के लिए आवाज उठाने की तैयारी में जुट गए हैं। ग्रुप -23 के नेता शशि थरूर ने तो यहां तक कह दिया है कि, यदि कांग्रेस को प्रासंगिक बने रहना है तो पार्टी में कई बदलाव लाने होंगे। पार्टी के संगठनात्मक नेतृत्व में बदलाव अब टाला नहीं जाना चाहिए।
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कांग्रेस में विरोध के स्वर, नई बात नहीं
अगस्त 2020 में असंतुष्ट गुट के नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए पत्र में कई मांगे रखी थीं। जिसमें, ब्लॉक स्तर पर संगठन के चुनाव कराने, संसदीय बोर्ड बनाने, स्वतंत्र केन्द्रीय चुनाव समिति बनाने की मांग रखी थी। असंतुष्ट नेताओं ने पार्टी में नीतियों के लिए एक व्यवस्थित मेकेनिज्म बनाने की भी मांग उठाई थी।
विरोधी खेमे में कौन-कौन?
गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल ,शशि थरूर, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, पीजे कुरियन, रेणुका चौधरी, मिलिंद देवड़ा, मुकुल वासनिक, भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, कुलदीप शर्मा, राजेन्द्र कौर भट्टल, एम.वीरप्पा मोहली, पृथ्वीराज चव्हाण, अजय सिंह, राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली, कौल सिंह ठाकुर, विवेक तन्खा, अखिलेश सिंह। जबकि जतिन प्रसाद कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं। दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री योगानंद शास्त्री ने एनसीपी ज्वाइन कर ली है।