लगातार हार के बावजूद कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) पार्टी नेतृत्व का कोई विकल्प खोजने में विफल रही। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद 13 मार्च को मंथन के लिये बैठी सीडब्ल्यूसी ने एकमत से पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी में विश्वास व्यक्त किया।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद जी-23 के नेता काफी सक्रिय हो गये थे और बैठकों का दौर शुरू हो चुका था। इसी बीच 13 मार्च को सीडब्ल्यूसी की बैठक में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के भाषण के बाद जी-23 से जुड़े नेताओं के तेवर नरम पड़ गये।
बैठक की खास बातें
- बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि यदि पार्टी को यह लगता है कि गांधी परिवार से कोई नुकसान पहुंच रहा है तो हम तीनों (सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा) इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।
- सोनिया गांधी के इस भावुकतापूंर्ण प्रस्ताव को बैठक में सीडब्ल्यूसी में सर्वसम्मति से खारिज कर दिया गया। सोनिया गांधी के नेतृत्व में विश्वास जाहिर करते हुये पार्टी ने उनसे आगे भी कांग्रेस का नेतृत्व करने का आग्रह किया।
- कहा जा रहा है कि संसद के बजट सत्र के बाद पार्टी का चिंतन शिविर आयोजित किया जाएगा, जहां आगामी चुनाव और भविष्य की रणनीति पर विचार मंथन होगा।
- बैठक में सोनिया गांधी के अतिरिक्त पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक समेत कई नेता शामिल हुये।
- करीब चार घंटे तक चली बैठक के बाद पार्टी इस निष्कर्ष पर आई कि वर्तमान संदर्भ में चुनावी राजनीति के गति को समझा जाए और पार्टी कार्यकर्ताओं में नवचेतना का संचार करने के लिये कदम उठाये जाएं।