यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस पर अमेरिका समेत यूरोपीय देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से हालत खराब होने लगे हैं। रूस ने 13 मार्च को माना कि पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण उसके सोने और विदेशी मुद्रा भंडार का करीब आधा हिस्सा फ्रीज हो चुका है। ऐसे में रूस अपनी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए चीन से मदद की उम्मीद कर रहा है।
रूस के वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव ने कहा कि सोना व विदेशी मुद्रा भंडार का एक हिस्सा चीनी मुद्रा युआन के रूप में है। इससे निश्चित तौर पर विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग सीमित करने का दबाव बढ़ गया है लेकिन मुझे लगता है कि चीन के साथ हमारी साझेदारी आपसी सहयोग बरकरार रखने में मदद करेगी।
ताजा हाल
रूस के कुल विदेशी मुद्रा भंडार करीब 640 अरब डालर में से करीब 300 अरब डालर फ्रीज किए जा चुके हैं। मानवाधिकार समेत अन्य मुद्दों पर पश्चिमी दबाव का सामना कर रहे दोनों देशों ने हाल के समय में आपसी संबंध मजबूत किए हैं। रूस, यूरोपीय संघ के बाद चीन को सबसे ज्यादा निर्यात करता है। वर्ष 2021 में रूस ने चीन को 79.3 अरब डालर का निर्यात किया था, जिसमें 56 प्रतिशत तेल व गैस का था।
चीन को चेतावनी
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने कहा कि वाशिंगटन ने चीन को ऐसा करने से चेताया है। सुलिवन ने कहा कि हम सीधे और निजी तौर पर चीन को बता चुके हैं कि अगर उसने युद्ध में अथवा अन्य तरीकों से रूस का साथ दिया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।