महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता नवाब मलिक को मुंबई उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली है। न्यायालय ने ईडी के खिलाफ दायर उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। 15 मार्च को न्यायालय द्वारा उनकी याचिका खारिज कर देने के बाद उन्हें राहत मिलने की उम्मीदें खत्म हो गईं।
नवाब मलिक ने आरोप लगाया था कि उन पर ईडी की कार्रवाई बदले की भावना से की गई है। मलिक के वकीलों ने यह भी कहा कि जिस समय कार्रवाई की गई थी, उस समय संबंधित कानून नहीं बनाया गया था। इसके बावजूद न्यायालय ने ईडी की कार्रवाई के खिलाफ दायर मलिक की याचिका को खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि नवाब मलिक का यह दावा कि उनकी गिरफ्तारी अवैध थी, गलत था। न्यायालय ने कहा कि ईडी ने जो कार्रवाई की है, वह कानून के अनुसार है।
पीएमएलए से जमानत मिलने की उम्मीद
समझा जा रहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग और अंडरवर्ल्ड से संबंध रखने के मामले में नवाब मलिक से फिर पूछताछ की जा सकती है। मुंबई उच्च न्यायालय से झटका लगने के बाद मलिक को मुंबई सत्र न्यायालय के पीएमएलए कोर्ट से जमानत मिलने की उम्मीद है।
अभी जेल मेंं रहेंगे नवाब
फिलहाल नवाब मलिक को मुंबई स्थित आर्थर रोड जेल भेज दिया गया है। इससे पहले उन्हें 13 दिन की ईडी रिमांड के बाद मुंबई की पीएमएलए न्यायालय ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। मलिक ने कहा था कि राज्य के कई मंत्री केंद्रीय जांच एजेंसी के निशाने पर हैं। हालांकि, उच्च न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया और उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया।