प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 मार्च को ऑपरेशन गंगा में शामिल हितधारकों के साथ बातचीत की। उन्होंने ऑपरेशन गंगा में शामिल सभी हितधारकों की देशभक्ति को लेकर उनके उत्साह, सामुदायिक सेवा की भावना और टीम भावना की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत के दौरान यूक्रेन, पोलैंड, स्लोवाकिया, रोमानिया और हंगरी में भारतीय समुदाय और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने ऑपरेशन गंगा का हिस्सा बनने के दौरान अपने अनुभव, उनके सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बताया और इस तरह के योगदान पर संतोष व सम्मान की भावना व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने भारतीय समुदाय के नेताओं, स्वयंसेवी समूहों, कंपनियों, निजी व्यक्तियों और सरकारी अधिकारियों सहयोग की प्रशंसा की, जिन्होंने ऑपरेशन की सफलता के लिए अथक प्रयास किया।
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निःस्वार्थ सेवा भारतीय सभ्यता के मूल्यों का उदाहरण
प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से विभिन्न सामुदायिक संगठनों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी निस्वार्थ सेवा भारतीय सभ्यता के मूल्यों का उदाहरण है, जिसे वह विदेश में भी अपने साथ रखते हैं। संकट के दौरान भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार के किए गए प्रयासों के बारे में प्रधानमंत्री ने यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों के नेताओं के साथ अपनी व्यक्तिगत बातचीत को भी याद किया और सभी विदेशी सरकारों से प्राप्त समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।
संकट के दौरान अपने नागरिकों की सहायता के लिए हमेशा तत्परता से किया कार्य
विदेशों में भारतीयों की सुरक्षा के लिए अपनी सरकार की उच्च प्राथमिकता को दोहराते हुए प्रधानमंत्री माेदी ने कहा कि भारत ने किसी भी अंतरराष्ट्रीय संकट के दौरान अपने नागरिकों की सहायता के लिए हमेशा तत्परता से काम किया है। वसुधैव कुटुम्बकम के भारत के सदियों पुराने दर्शन से प्रेरित होकर, भारत ने भी आपात स्थितियों के दौरान अन्य देशों के नागरिकों को मानवीय सहायता प्रदान की है।
अब तक स्वदेश लाए गए 23 हजार से अधिक भारतीय
बता दें कि ऑपरेशन गंगा के तहत लगभग 23 हजार भारतीय नागरिकों के साथ-साथ 18 देशों के 147 विदेशी नागरिकों को भी यूक्रेन से सफलतापूर्वक निकाला गया है।