पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष से इस्तीफा देने वाले नवजोत सिद्धू अपने आठ महीने के कार्यकाल के दौरान अपने कार्यों के बजाय बयानों पर सुर्खियों में रहे हैं। वह आए दिन किसी न किसी विवाद में उलझते रहे। उनके बयानों के कारण पंजाब कांग्रेस लीडरशिप कई बार असहज हुई। फिलहार उन्होंने पार्टी हाई कमान के आदेश पर पंजाप प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ खींचतान के चलते कांग्रेस हाईकमान ने 18 जुलाई 2021 को सुनील जाखड़ को हटाकर नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस की कमान सौंपी। नवजोत सिद्धू के साथ कांग्रेस हाईकमान ने कुलजीत सिंह नागरा, संगत सिंह गिलजियां, पवन गोयल तथा सुखविंदर सिंह डैनी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया।
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नाराजगी में इस्तीफा और फिर..
शुरू में सिद्धू ने पंजाब में सिस्टम को अपने अनुसार चलाया लेकिन अमरिंदर सिंह के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद फिर विवाद शुरू हो गया। पंजाब में डीजीपी तथा महाधिवक्ता की नियुक्ति से नाराज नवजोत सिद्धू ने 28 सितंबर 2021 को इस्तीफा दे दिया। चन्नी सरकार के फैसला बदले जाने के बाद नवजोत सिद्धू ने दोबारा कार्यभार संभाला।
कब क्या दिया बयान
पंजाब में जैसे-जैसे चुनाव करीब आए वैसे-वैसे नवजोत सिद्धू बयानों को लेकर चर्चा में आए। नवजोत सिद्धू ने पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ बयान दिया। इससे समूची पंजाब पुलिस उनके खिलाफ हो गई। पंजाब में कई जगह पुलिस कर्मियों ने खुलकर सिद्धू के खिलाफ बयान दिया। इसके बाद नवजोत सिद्धू ने जाहरवीर गोगा के खिलाफ बयान दिया। इस परपंजाब में कई जगह उनके खिलाफ प्रदर्शन हुए। यह विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ था कि नवजोत सिद्धू ने प्रचार के दौरान ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ बयान दिया। इस छोटे से कार्यकाल के दौरान नवजोत सिद्धू न तो पंजाब में संगठन को खड़ा कर पाए और न ही पंजाब में पार्टी को दोबारा सत्ता दिला पाए। वह बयानों और विवादों को लेकर सुर्खियों में जरूर रहे।