अब महाराष्ट्र विधान परिषद के नेता विपक्ष पर गिरफ्तारी की तलवार? ये है कारण

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महाराष्ट्र में नेता विपक्ष पर संकटों के बादल मंडरा रहे हैं। विधान परिषद में नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस को फोन टैपिंग प्रकरण में समन भेजने और घर जाकर पूछताछ करने के बाद अब विधान परिषद में नेता विपक्ष निशाने पर हैं। उन पर मुंबै बैंक के संचालक पद चुनाव में झूठी जानकारी देने का आरोप है।

मुंबै बैंक के संचालक पद चुनाव में अपने आपको मजदूर बताना भाजपा नेता को भारी पड़ गया है। इसमें मुंबई के एमआरए मार्ग पुलिस थाने में एफआईआर पंजीकृत हुई थी, जिसमें गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रवीण दरेकर ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया है।

बुधवार को उच्च न्यायालय ने प्रवीण दरेकर की अंतरिम राहत की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि, यह मामला दो दिन पहले ही दर्ज किया गया है। मामले की जांच अभी प्राथमिक स्तर पर है, इसलिए अंतरिम राहत नहीं दी जा सकती है। याचिकाकर्ता इस मामले में अग्रिम जमानत का प्रयास संबंधित न्यायालय (सत्र न्यायालय) में कर सकता है।

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सहकार मंत्री बालासाहेब पाटील ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि प्रवीण दरेकर मुंबई बैंक के चुनाव में मजदूर वर्ग के सदस्य के रूप में चुनाव लड़ा था और अध्यक्ष बने थे, जबकि वे विधानपरिषद के सदस्य हैं और विधान परिषद के नेता के रूप में कार्यरत हैं। आम आदमी पार्टी के प्रदेश सचिव धनंजय शिंदे ने प्रवीण दरेकर के विरोध में मुंबई के एमआरए पुलिस थाने में दो महीने पहले शिकायत दी थी, जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दो दिन पहले प्रकरण दर्ज कर लिया है।

उच्च न्यायालय में अंतरिम राहत न मिलने के बाद अब प्रवीण दरेकर के समक्ष सत्र न्यायालय में जमानत याचिका दायर करने का आवसर है। सूत्रों के अनुसार प्रवीण दरेकर गुरुवार को सत्र न्यायालय में जमानत याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं।

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