होली विशेषः पलाश के फूलों का जंगल अब है वीरान, नहीं रही पहले जैसी रौनक

विकास खंड मछलीशहर की ग्राम पंचायत तिलौरा एवं बामी के बीच का कई वर्ग किलोमीटर में फैला जंगल 90 के दशक तक पलाश के फूलों का सबसे बड़ा स्रोत था।

125

रासायनिक उर्वरकों और रासायनिक रंगों के प्रयोग ने 40 से 50 वर्षों में ही अपनी यात्रा पूरी कर ली। आज सब तरफ जैविक खेती और जैविक रंगों के प्रयोग की चर्चा है, जो हमारी पुरातन व्यवस्था को स्वयं सिद्ध करती है। रंगों का त्यौहार होली करीब आने से प्राकृतिक रंग फिर सुर्खियों में है। वैसे तो प्राकृतिक रंग चुकन्दर, गुड़हल और गेंदें के फूल, अनार के छिलके से भी बनता है, लेकिन परम्परागत रूप से पलाश (ढाक) के फूलों का प्रयोग सबसे अधिक लोकप्रिय रहा है।

विकास खंड मछलीशहर की ग्राम पंचायत तिलौरा एवं बामी के बीच का कई वर्ग किलोमीटर में फैला जंगल 90 के दशक तक पलाश के फूलों का सबसे बड़ा स्रोत था। रामगढ़, करौरा, सेमरहो, अदारी, महापुर, जमुहर, खरुआंवा जैसे दर्जनों गांवों के लोग रंग बनाने के लिए फूल यहीं से तोड़कर ले जाते थे। समय के साथ जंगल का दायरा घटता गया और लोगों ने रासायनिक रंगों की ओर रुख कर लिया। आज स्थिति यह है कि पूरे जंगल में गिनती के 15 से 20 पेड़ बचे हुए हैं उनमें भी फूल अभी पूरी तरह नहीं आये हैं।

ये भी पढ़ें – ईडी ने बढ़ाई ‘दीदी’ की परेशानी, भतीजे- बहू को थमाया नोटिस! जानें, क्या है पूरा मामला

प्राकृतिक रंगों की तरफ अब जब लोग रहे लौट
पौधशाला में काम करने वाले समारोह निवासी अमृत लाल अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि होली करीब आने पर जंगल में पलाश के फूलों को तोड़ने की होड़ मच जाती थी, पलाश की छाल का प्रयोग लोग बीमारियों के ईलाज में भी करते थे। अब बड़ा सवाल यह है कि प्राकृतिक रंगों की तरफ अब जब लोग लौट रहे हैं तो क्या पलाश के पेड़ों के इस जंगल के दिन भी बहुरेंगे? उनकी संख्या बढ़ाने का प्रयास होगा?

पलाश फूल के क्या हैं फायदे

– त्वचा रोग आयुर्वेद के अनुसार, पलाश के बीज का पेस्ट स्किन पर लगाने से एक्जिमा और अन्य त्वचा विकारों जैसे कि खुजली आदि में राहत मिलती है।

– बुखार में काफी लाभ होता है। बुखार में इम्यूनिटी डाउन हो जाती है, तो पलाश के फूल शरीर में ताकत भरते हैं।

– खून को साफ करता है।

– बवासीर से भी आराम दिलाता है।

– डायबिटीज से छुटकारा दिलाता है।

-यौन रोग से जुड़ी बीमारियों को दूर करता है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.