गुजरात सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। इसके अनुसार राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में अब श्रीमद् भगवद् गीता को सम्मिलित कर लिया गया है। इसकी घोषणा सरकार की ओर से विधान सभा में की गई।
दुनिया को भारत की देन;गीता का ज्ञान!
गुजरात में 6 से 12 कक्षा के विद्यार्थी अन्य विषयों के साथ गीता ज्ञान का अभ्यास करेंगे।
इस निर्णय से आनेवाली पीढ़ी पर जो हकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला है यह बात सोचकर में गर्व महसूस करता हूँ।
हर घर में गीता;हर घर में पठन#BhagwatGitaInSchools
— Jitu Vaghani (@jitu_vaghani) March 17, 2022
राज्य में बजट पर चर्चा के बीच शिक्षा मंत्री जीतू वाघानी ने बड़ी घोषणा की। जिसके अनुसार कक्षा 6वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में श्रीमद् भगवद् गीता को सम्मिलित किया गया है। उन्होंने कहा कि, श्रीमद् भगवद् गीता के निहित मूल्यों और सिद्धांतों के छात्रों के पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने का निर्णय केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप है। यह प्रणाली आधुनिक और प्राचीन संस्कृति, परंम्पराओं और ज्ञान प्रणालियों की ओर प्रवृत्त करती है।
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हम कक्षा 6वीं से 12वीं के पाठ्यक्रम में श्रीमद् भगवद् गीता को सम्मिलित करने का निर्णय लिया है। कक्षा 6वीं से 8वीं के छात्रों के लिए, ग्रंथ ‘सर्वांगी शिक्षण’ (समग्र शिक्षा) की पाठ्यपुस्तक में प्रस्तुत किया जाएगा। कक्षा 9वीं से 12वीं तक, इसे पहली भाषा की पाठ्य पुस्तक में कहानी कहने के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
जीतू वाघानी – शिक्षा मंत्री, गुजरात
भारतीय संस्कृती और ज्ञान प्रणाली को स्कूली शिक्षा में शामिल करने के लिए और बच्चों की समझ और रुचि को श्रीमद् भगवद गीता और उसके निहित मूल्यों एवं सिद्धांतो में बढ़ाने के लिए वर्ष 2022-23 से गुजरात सरकार कक्षा 6-12 के बच्चों के लिए पेश कर रही है।#BhagwatGitaInSchools
— Jitu Vaghani (@jitu_vaghani) March 17, 2022
Join Our WhatsApp Communityस्कूलों में प्रार्थना कार्यक्रम में भगवद गीता के पाठ एवं भगवद गीता पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिताएं और रचनात्मक गतिविधियां जैसे की श्लोकगण, श्लोकपूर्ति, वक्तृत्व, निबंध, नाट्य, चित्र पर आधारित प्रश्नोत्तरी आदि का आयोजन किया जाएगा।
जीतू वाघानी – शिक्षा मंत्री, गुजरात