स्कूली पाठ्यक्रम में सम्मिलित होगी श्रीमद् भगवद् गीता… ऐसा है सरकार का निर्णय

श्रीमद् भगवद् गीता को शैक्षणिक प्रणाली से जोड़ने की मांग लंबे काल से होती रही है। इस पर अब गुजरात ने पहल की है।

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गुजरात सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। इसके अनुसार राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में अब श्रीमद् भगवद् गीता को सम्मिलित कर लिया गया है। इसकी घोषणा सरकार की ओर से विधान सभा में की गई।

राज्य में बजट पर चर्चा के बीच शिक्षा मंत्री जीतू वाघानी ने बड़ी घोषणा की। जिसके अनुसार कक्षा 6वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में श्रीमद् भगवद् गीता को सम्मिलित किया गया है। उन्होंने कहा कि, श्रीमद् भगवद् गीता के निहित मूल्यों और सिद्धांतों के छात्रों के पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने का निर्णय केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप है। यह प्रणाली आधुनिक और प्राचीन संस्कृति, परंम्पराओं और ज्ञान प्रणालियों की ओर प्रवृत्त करती है।

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हम कक्षा 6वीं से 12वीं के पाठ्यक्रम में श्रीमद् भगवद् गीता को सम्मिलित करने का निर्णय लिया है। कक्षा 6वीं से 8वीं के छात्रों के लिए, ग्रंथ ‘सर्वांगी शिक्षण’ (समग्र शिक्षा) की पाठ्यपुस्तक में प्रस्तुत किया जाएगा। कक्षा 9वीं से 12वीं तक, इसे पहली भाषा की पाठ्य पुस्तक में कहानी कहने के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
जीतू वाघानी – शिक्षा मंत्री, गुजरात

स्कूलों में प्रार्थना कार्यक्रम में भगवद गीता के पाठ एवं भगवद गीता पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिताएं और रचनात्मक गतिविधियां जैसे की श्लोकगण, श्लोकपूर्ति, वक्तृत्व, निबंध, नाट्य, चित्र पर आधारित प्रश्नोत्तरी आदि का आयोजन किया जाएगा।
जीतू वाघानी – शिक्षा मंत्री, गुजरात

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