महंगा पड़ा ममता बनर्जी का स्वास्थ साथी बनना… अब अलग करने की हो रही गुहार

स्वास्थ्य साथी के तहत लगातार मरीजों को भर्ती लिया जा रहा है और इलाज भी किया जा रहा है। लेकिन राज्य सरकार बकाए का भुगतान नहीं कर रही है।

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य साथी योजना के तहत इलाज कराने वाले मरीजों के इलाज के एवज में राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों का भुगतान अभी तक नहीं किया है।

पता चला है कि प्राइवेट अस्पतालों का करीब 200 करोड़ रुपये का बकाया है जिसकी वजह से 20 से अधिक अस्पताल इस योजना से खुद को अलग करने के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिख चुके हैं। इस पत्र में अस्पताल मालिकों ने बताया है कि स्वास्थ्य साथी के तहत लगातार मरीजों को भर्ती लिया जा रहा है और इलाज भी किया जा रहा है। लेकिन राज्य सरकार बकाए का भुगतान नहीं कर रही है। इस बारे में पहले आश्वासन दिया गया था कि 20 दिनों के अंदर बकाए का भुगतान कर दिया जाएगा लेकिन तय समय सीमा बीतने के बावजूद भी कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया जा रहा।

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इसके अलावा अस्पतालों का यह भी आरोप है कि स्वास्थ्य साथी के तहत इलाज के लिए जो धनराशि राज्य स्वास्थ्य विभाग ने निर्धारित की है वह बहुत कम है। उसमें इलाज दे पाना संभव नहीं हो पा रहा। हालांकि अस्पतालों के पत्र पर राज्य स्वास्थ्य विभाग ने साफ-सुथरे तरीके से निर्देश दे दिया है कि मरीजों को मिलने वाला इलाज किसी भी कीमत पर बंद नहीं होना चाहिए।

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