लोकतंत्र का मौजूदा मंदिर अपने 100 साल पूरे करने जा रहा है। यह इमारत ब्रिटिश काल में बनाई गयी थी, इसे एडिसन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया था। इसकी आधारशिला 12 फरवरी 1921 को रखी गई थी। इसके निर्माण में छह साल लगे थे। उन दिनों इस पर कुल 83 लाख रुपए खर्च हुए थे। इसका उद्घाटन 18 जनवरी 1927 को भारत के तत्कालीन गवर्नर लॉर्ड इराविन ने किया था।
देशवासियों के लिए गर्व की बात
फिलहाल नये संसद भवन के निर्माण की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इसे अक्टूबर 2022 में पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस बारे में जानकारी देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम विरला ने कहा है कि यह देशवासियों के लिए गर्व की बात होगी, कि नये भवन का निर्माण हमारे अपने लोग करेंगे। यह आत्मनिर्भर भारत के अभियान का एक प्रमुख उदाहरण होगा। नियमों के मुताबिक लोकसभा का अध्यक्ष संसद भवन का संरक्षक होता है।
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नये संसद भवन की खास बातें
- संसद की नई इमारत भूकंप रोधी होगी। नये भवन के निर्माण के दौरान वायु एवं प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं।
- सितंबर 2020 में इस भवन के निर्माण का 861.90 करोड़ का ठेका टाटा प्रोजेक्ट लि. को दिया गया है। लगभग 60 हजार वर्ग मीटर में निर्मित किया जानेवाला यह भवन सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत बनाया जाएगा। इसे वर्तमान संसद भवन के पास निर्मित किया जाएगा।
- इसके निर्माण में 2000लोग प्रत्यक्ष रुप से शामिल होंगे, जबकि 9000 लोग परोक्ष रुप से भागीदारी करेंगे। यह इमारत तीन मंजिल की होगी, और इसका डिजाइन गोलाकार न होकर त्रिकोणीय होगा।
- इसका निर्माण कार्य अक्टूबर 2022तक पूरा होने की संभावना है। आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में संसद सत्र का आयोजन इस नये संसद भवन में किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
- संसद भवन में 1,224 सांसदों के एक साथ बैठने की क्षमता होगी। लोकसभा कक्ष में 888 और राज्य सभा में 384 सदस्यों के लिए सीटें होंगी। ऐसा भविष्य में दोनों सदनों के सदस्यों की संख्या में वृद्धि के मद्देनजर किया जा रहा है।
- नये लोकसभत्रा का आकार वर्तमान सदन से तिगुना होगा। मौजूदा समय में लोकसभा के 543 और राज्य सभा के 245 सदस्य हैं।
- नई इमारत में लोकसभा, राज्यसभा के साथ ही एक खुला आंगन भी होगा। एक टेबल पर दो सांसद बैठेंगे। वहीं सभी मंत्री एक ही जगह बैठ सकेंगे। इससे वे आने-जाने की असुविधा से बच सकेंगे।
- वर्तमान के श्रम शक्ति भवन( संसद भवन के पास) के स्थान पर दोनों सदनों के साथ सांसदों के लिए कार्यालय परिसर का निर्माण कराया जाएगा।
- नये संसद भवन में सभी सांसदों के लिए अलग-अलग कार्यालय उपलब्ध होंगे। ये आधुनिक डिजिटल और सुविधा संपन्न होंगे। यह पेपरलेस काम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके साथ ही सांसदों के सिए लॉन्ज भी होंगे। उके लिए पुस्कालय और बोजन कक्ष तथा पार्किंग की सुविधा भी होगी।
- नये संसद भवन में एक बड़ा आकर्षण विशाल भारत के लोकतांत्रिक विरासत को दर्शाने के लिए तमाम चीजों के साथ ही मूल प्रति, डिजिटल डिसप्ले वगैरह उपलब्ध कराए जाएंगे। संसद भवन में आनेवाले लोगों, खासकर विदेशी प्रतिनिधिमंडलों को भारत की संसदीय लोकतंत्र को समझने में सहायता मिलेगी।
कांग्रेस-एनसीपी का आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने इमारत के निर्माण के समय को लेकर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सरकार वर्तमान समय की प्राथमिकताओं को नजरअंदाज कर रही है। क्योंकि भारत इस समय कोरोना संकट से गुजर रहा है।
86 एकड़ भूमि की संरचना में बदलाव
केंद्र द्वारा विस्टा के पुनर्विकास योजना के बारे में भूमि उपयोग बदलाव अधिसूचना करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। केंद्र की योजना 20 हजार करोड़ रुपए की है। 20 मार्च 2020 को केंद्र ने संसद, राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक जैसी संरचनाएं, जो दिल्ली के केंद्र में हैं, ऐसे 86 एकड़ भूमि के उपयोग में बदलाव को लेकर अधिसूचना जारी की थी।
अधिसूचना रद्द करने की मांग
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी इस अधिसूचना को रद्द करने के लिए अदालत से आग्रह करते हुए एक याचिकाकर्ता राजीव सूरी ने तर्क दिया है कि यह निर्णय अनुच्छेद 21 के तहत नागरिकों के जीने के अधिकार का उल्लंघन है। सूरी का दावा है कि यह लोगों को अत्यधिक खुली जमीन और ग्रीन इलाके के आनंद से वंचित करेगा। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने फैसला अपने पास सुरक्षित रखा है।
मनोहर जोशी को था वास्तुदोष का शक
दरअस्ल वर्ष 2002 में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी ने पहली बार कहा था कि भारत का संसद भवन वास्तु दोष से ग्रसित है। 13 सांसदों की मौत के बाद उन्होंने ये आशंका जताई थी। 13 सांसदों में पूर्व स्पीकर जीएम बालयोगी भी शामिल थे। एक हेलीकॉप्टर हादसे में उनकी मौत हो गई थी। इसके साथ ही दिसंबर 2001 में हमला भी हुआ था।
वास्तु विशेषज्ञ ने बताया था उपाय
इसके बाद मनोहर जोशी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सहमति से संसद भवन में वास्तु विशेषज्ञ की सेवा भी ली थी। वास्तु विशेषज्ञ अश्विनी कुमार बंसल ने वास्तु दोष का पता लगाया और समाधान के उपाय भी बताए। लेकिन वाम और कुछ अन्य दलों के डर से इस जानकारी को सार्वजनिक नही किया गया। ये राजनैतक दल वास्तुदोष पर भरोसा नहीं करते थे।
पीएम रखेंगे आधारशिला
10 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नये प्रस्तावित संसद भवन की आधारशिला रखेंगे। इस कार्यक्रम में सभी राजनैतिक दलों को आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम में कोरोना के सभी दिशानिर्देशों का पाल करने का निर्देश जारी किया गया है।