केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 19 मार्च को कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की आने वाले वर्षों में कश्मीर में जरूरत नहीं होगी क्योंकि वर्तमान में पुलिस काफी दक्षता के साथ काम कर रही है।
शाह ने यह भी सुझाव दिया कि अगर ऐसा हुआ कि आने वाले वर्षों में संवेदनशील क्षेत्रों में सीआरपीएफ की जरूरत नहीं पड़ेगी और इसका पूरा श्रेय सीआरपीएफ को दिया जाएगा।
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सीआरपीएफ का 83वां दिवस संपन्न
जम्मू के मौलाना आजाद स्टेडियम में सीआरपीएफ के 83वें स्थापना दिवस पर अमित शाह ने कहा, “कश्मीर, नक्सल क्षेत्रों और पूर्वोत्तर में सीआरपीएफ जिस संकल्प के साथ काम कर रही है, मुझे विश्वास है कि अगले कुछ वर्षों के भीतर इन क्षेत्रों में सीआरपीएफ की जरुरत नहीं पड़ेगी और इन सभी क्षेत्रों में शांति स्थापित हो जाएगी।
ये हस्तियां भी कार्यक्रम में हुईं शामिल
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्तल, बीएसएफ के महानिदेशक पंकज सिंह और जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति स्थापना दिवस परेड में शामिल हुए।
सीआरपीएफ ने राष्ट्रीय राजधानी के बाहर अपना स्थापना दिवस मनाया
आयोजन के दौरान, देश भर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और उग्रवाद से लड़ते हुए अपनी जान गंवाने वाले सीआरपीएफ कर्मियों के परिजनों को शाह द्वारा पदक और पुरस्कार प्रदान किए गए। यह पहली बार था, जब सीआरपीएफ ने राष्ट्रीय राजधानी के बाहर अपना स्थापना दिवस मनाया।
मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में बहुत ही कम समय में बड़ा परिवर्तन आया है।
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद आतंकवाद पर निर्णायक नियंत्रण और लोकतंत्र को जमीन पर पहुंचाकर @narendramodi जी ने यहाँ एक सर्वस्पर्शी और सर्वसमावेशी विकास के युग की शुरुआत की है। pic.twitter.com/IqCAOwnQPm
— Amit Shah (@AmitShah) March 19, 2022