बिहारः अधर में मुकेश सहनी का भविष्य? मांझी ने लगाया ये आरोप

उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी को चुनाव मैदान में उतारकर मुकेश सहनी ने भाजपा से पंगा ले लिया है। उसका असर बिहार की राजनीति में दिखने लगा है।

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बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव में मुकेश सहनी का चुनाव लड़ने का यह परिणाम है कि बोचहां से भाजपा का उम्मीदवार घोषित किया गया है।

गया जिला के महकार स्थित अपने पैतृक आवास पर बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा की मुकेश सहनी ने जब यूपी में चुनाव लड़ने की घोषणा की थी तो उन्हें आशंका थी। उसी आशंका को देखते हुए मैंने मुकेश सहनी से यूपी में चुनाव लड़ने की घोषणा पर बात की थी तो सहनी ने बताया था कि वो तो भाजपा के मदद के लिए लड़ रहे हैं। शायद भाजपा की ओर से इंतजार कर रहे थे कि कोई रिक्वेस्ट करेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और उन्हें असफलता मिली।

बोचहां विधानसभा पर संघर्ष
बोचहां विधानसभा उपचुनाव में बेबी कुमारी भाजपा प्रत्याशी घोषित होने की बात पर उन्होंने कहा कि परंपरा रही है कि जिस पार्टी के प्रतिनिधि रहे हैं, उसी पार्टी का गठबंधन प्रत्याशी होता है या मृतक जनप्रतिनिधि के परिजनों में से ही किसी को प्रत्याशी बनाने की परंपरा रही है। उस मान्य परंपरा को भाजपा ने तोड़कर दूसरे को उम्मीदवार बनाया है तो यह भाजपा का अंदरूनी मामला है। शायद यूपी चुनाव से दोनों के बीच कटुता बढ़ी है। उसी का परिणाम बोचहां में दिखा है।अब मुकेश सहनी किसके साथ जाते हैं, वह आगे की बात है। अब सहनी ने अपनी पार्टी का प्रत्याशी घोषित कर दिया है। क्या परिणाम होगा?

यह दोनों के बीच का अंदरुनी मामला
उन्होंने कहा कि देखना है कि भाजपा अब मुकेश सहनी को अपने साथ रखेगी या नहीं? यह सब अंदरूनी मामला है।अगर मंत्री बने हैं तो राजनीति में किसी न किसी से मदद लेकर ही आगे कोई बढ़ना होगा। उन्होंने बताया कि एनडीए में कोई खटपट नहीं है। एनडीए में मेजर पार्टी भाजपा है। अगर भाजपा ने यह फैसला मुकेश सहनी पर लिया है, तो इसमें सभी पार्टी एनडीए के साथ रहेंगी।

द कश्मीर फाइल्स पर कही ये बात
द कश्मीर फाइल्स फिल्म पर उन्होंने कहा की किसी की सुरक्षा या त्रासदी को दिखाया जाता है। कश्मीर के ब्राह्मणों को भगाया गया है, यह सभी लोग जानते है, उन्हें मुआवजा भी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी देश व बिहार में संवैधानिक अधिकारों से वंचित किये जा रहे हैं खासकर दलित व महादलित। यह एक त्रासदी है। अगर इस पर फिल्माकंन कर दिखाते तो शायद कुछ सुधार होता। फिल्में बनी भी हैं, जिस पर रोक लगा दी गई है। ऐसा नहीं होना चाहिए।

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