तेलंगाना के निजामाबाद जिले के बोधन शहर के अंबेडकर चौराहे में छत्रपति शिवाजी की मूर्ति की स्थापना को लेकर दोनों समुदायों के बीच संघर्ष हुआ। इस दौरान दोनों गुटों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई। विरोधी गुट हैदराबाद के पुराने शहर के एआईएमआईएम का है। उधर, स्थानीय भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का कहना है कि मूर्ति की स्थापना नगर पालिका की अनुमति लेकर ही की जा रही है।
बोधना में जहां भाजपा और शिवसेना के कार्यकर्ता अंबेडकर चौराहे पर शिवाजी महाराज की मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं वहीं एआईएमआईएम और टीआरएस के कार्यकर्ता इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं। दूसरे गुट के कार्यकर्ताओं ने भाजपा और शिवसेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। झगड़ा धीरे-धीरे टकराव में बदल गया, जिसमें दोनों तरफ से जमकर पथराव हुआ।
पुलिस ने किया लाठी चार्ज
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पुलिस ने भीड़कर तितर बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।जिला पुलिस अधिकारी ने कहा है कि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं।निजामाबाद के सीपी नागराज ने बताया कि इलाके में तनाव को देखते हुए कि धारा 144 (सीआरपीसी) के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।
महाराष्ट्र से लगती है सीमा
स्थानीय भाजपा सांसद अरविंद धर्मपुरी ने अपने एक ट्वीट में बताया है कि बोधन शहर के अंबेडकर चौराहे पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा लगाने की उनकी योजना थी, लेकिन एआईएमआईएम और टीआरएस ने इसका कड़ा विरोध किया। इस शहर की सीमा महाराष्ट्र से लगती है। अरविंद का आरोप है कि एआईएमआईएम और टीआरएस के कार्यकर्ताओं ने शिवाजी महाराज की मूर्ति की स्थापना का विरोध किया और इस पर आपत्ति जताई। इतना ही नहीं, मामले को हिंसक बनाया।