कर्नाटक के कोलार में घंटाघर पर आखिर इस्लामिक झंडा हटाकर तिरंगा फहरा दिया गया है। 20 मार्च को जहां कोलार टॉवर को तिरंगे के रंग में रंग दिया गया, वहां तिरंगा फहराकर कट्टरपंथियों के षड्यंत्र को विफल कर दिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार लगभग 75 साल बाद यहां स्थित घंटाघर को सफेद रंग में रंगने के बाद उस पर तिरंगे की पेंटिंग की गई। इस दौरान क्षेत्र में तनाव को देखते हुए सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध किया गया था। इसके लिए वहां रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया गया था। इसके साथ ही वहां खुद कोलार जिले के पुलिस अधीक्षक डी देवराजू भी मौजूद थे। 70 साल से लहरा रहे इस्लामिक झंडे को हटाने से कट्टरपंथी काफी नाराज थे। इस कारण क्षेत्र में तनाव तो था, लेकिन कोई अप्रिय घटना नहीं घटी।
आयोजित किया गया एक कार्यक्रम
कोलार जिला पुलिस प्रशासन ने यहां एक राष्ट्रीय ध्वज फहराने के कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें कुछ मुसलमान भी शामिल हुए।
Flag of a particular community made way for the Indian Tricolour 🇮🇳flag after a wait of 74 years, at Clock Tower in Kolar. Thank the District Administration, home minister, State & Central Govt
Jai Hind ! pic.twitter.com/clF91WUjj4
— Muniswamy S (@bjp_muniswamy) March 19, 2022
सांसद ने दिया था आश्वासन
बता दें कि पिछले दिनों कोलार से भाजपा सांसद मुनिस्वामी एस ने घंटाघर पर लहरा रहे इस्लामी झंडे को हटाकर वहां राष्ट्रीय ध्वज फहराने का आश्वासन स्थानीय जनता को दिया था। हालांकि यह काम आसान नहीं था। तनाव को देखते हुए शहर में धारा 144 लागू की गई थी। 20 मार्च को सांसद मुनिस्वामी एस ने ट्वीट कर कहा कि 74 वर्षों के इंतजार के बाद समुदाय विशेष के झंडे के स्थान पर तिरंगा फहरा दिया गया।
Before & After pictures !
Indian Tricolour hoisted at Clock Tower in Kolar. Historic moment after a wait of 74 yrs. Thank the State & Central govt, home minister, Police & the public for maintaining law & order pic.twitter.com/vQbKn5U5Re— Muniswamy S (@bjp_muniswamy) March 19, 2022
एक मुस्लिम व्यापारी ने कराया था निर्माण
इस घंटाघर का निर्माण 1930 में मुस्तफा साहब नामक एक व्यापारी ने कराया था। आजादी के बाद से ही इसके रंग और झंडे को लेकर विवाद चल रहा था।