केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के मुंबई स्थित बंगले पर हुए अवैध निर्माण को न तोड़ने का आदेश 22 मार्च को उच्च न्यायालय ने मुंबई मनपा को दिया है। उच्च न्यायालय ने कहा कि सुनवाई के बाद अगर अवैध निर्माण तोड़ने की नौबत आई तो उन्हें 3 सप्ताह का समय देने का भी आदेश उच्च न्यायालय ने मनपा को दिया है।
नारायण राणे ने उच्च न्यायलय में याचिका दाखिल की
मुंबई में नारायण राणे के बंगले पर हुए अवैध निर्माण को 15 दिन में खुद तोड़ने का नोटिस मुंबई नगर निगम ने दिया था। नगर निगम के इस नोटिस पर नारायण राणे ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। 22 मार्च को उच्च न्यायलय में जस्टिस अमजद सैयद व अभय आहुजा की पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान नारायण राणे की ओर से पेश वकील मिलिंद साठे ने कहा कि बंगले में हुए अवैध निर्माण को नियमित करने का अवसर मुंबई नगर निगम ने नहीं दिया।
नोटिस भेजने का क्या कारण था?
इस पर मुंबई नगर निगम की ओर से पेश वकील आस्पी चिनाय ने कहा कि नारायण राणे ने बीएमसी से कहा था कि उनके बंगले में अवैध निर्माण हुआ ही नहीं था, फिर नियमित करने का सवाल कहां उठता है। उच्च न्यायालय ने कहा कि बंगले का निर्माण कार्य 9 साल पहले किया गया, फिर अब अचानक नोटिस भेजने का क्या कारण है। इसके बाद न्यायलय ने बंगले में हुए अवैध निर्माण को नियमित करने के लिए मौका देने का आदेश मुंबई नगर निगम को दिया है।